फिशर का सही समय पर कराएं इलाज, आहार में रखें ध्यान

फिशर का सही समय पर कराएं इलाज, आहार में रखें ध्यान

गुदे में जब दरारे आ जाती हैं तो फिशर की स्थिति पैदा हो जाती है। जब किसी व्यक्ति का मल कठोर और बड़ा होता है और उसे मल त्यागने में परेशानी आती है तो वो फिशर का शिकार हो जाता है। फिशर होने पर मल त्यागते समय दर्द हो सकता है और खून भी निकल …

गुदे में जब दरारे आ जाती हैं तो फिशर की स्थिति पैदा हो जाती है। जब किसी व्यक्ति का मल कठोर और बड़ा होता है और उसे मल त्यागने में परेशानी आती है तो वो फिशर का शिकार हो जाता है। फिशर होने पर मल त्यागते समय दर्द हो सकता है और खून भी निकल सकता है। अगर आपको फिशर कब्ज या डायरिया की वजह से हुआ है तो कुछ आदतों में बदलाव करके इसको ठीक किया जा सकता है।

फिशर होने के लक्षण

  • मल त्याग के दौरान दर्द या गंभीर दर्द की अनुभूति होना।
  • मल त्याग के पश्चात भी दर्द होना जो कई घण्टों तक रह सकता है।
  • मल त्याग के बाद मल पर गहरा लाल रंग दिखाई देना। मल त्याग के समय खून का आना सामान्य होता है।
  • गुदा के आस-पास जलन या खुजली होना।
  • गुदा के आस-पास के क्षेत्र में खुजली होना।
  • गुदा के आस-पास के क्षेत्र में तीव्र जलन होना।
  • फिशर से ग्रसित व्यक्ति को कब्ज़ रहती है।

आहार में करें बदलाव

  • एक संतुलित आहार का सेवन करें जिसमें अच्छी मात्रा में फाइबर, फल और सब्जियां शामिल होती हैं।
  • कैफीन युक्त पदार्थ जैसे चाय और कॉफी का सेवन न करें।
  • गेहूँ के चोकर सहित आटे का सेवन करें।
  • साबुत अनाज, जिसमें ब्राउन राईज, ओटमील और ब्रेड आदि शामिल हैं।
  • फाइबर वाले सप्लीमेंट्स और बीज और नट्स लें।

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