बार-बार बेहोश होना हो सकता है दिल की बीमारी का लक्षण

बार-बार बेहोश होना हो सकता है दिल की बीमारी का लक्षण

बार-बार बेहोश होना खतरे की घंटी हो सकती है। न्यूरोलॉजिकल के अनुसार हाथ-पैर के चलने पर नियंत्रण नहीं रह पाता है। वैसे ये  सिंकोप कार्डिएक नेचर का भी हो सकता है लेकिन इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। तुरंत डॉक्टरों से संपर्क करना चाहिए।इस समस्या से निपटने के लिए कार्डिएक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिस्ट के पास जाना सही …

बार-बार बेहोश होना खतरे की घंटी हो सकती है। न्यूरोलॉजिकल के अनुसार हाथ-पैर के चलने पर नियंत्रण नहीं रह पाता है। वैसे ये  सिंकोप कार्डिएक नेचर का भी हो सकता है लेकिन इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। तुरंत डॉक्टरों से संपर्क करना चाहिए।इस समस्या से निपटने के लिए कार्डिएक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिस्ट के पास जाना सही रहेगा। देर होने पर दिल से संबंधित कई बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।

इस समस्या में हार्ट कैसे करता है काम 
बेहोशी को मेडिकल टर्म में सिंकोप कहते हैं। इस बीमारी में तत्कालिक रूप से खून का बहाव ब्रेन में कम हो जाता है। इसमें चेतना कम हो जाती है और ब्लड प्रेशर इतना कम हो जाता है कि हार्ट ब्रेन में ऑक्सीजन पहुंचाने की क्षमता खो देता है। बेहोशी के कारण न सिर्फ शरीर के बाहरी हिस्सों में चोट लग जाती हैं बल्कि हार्ट के अंदरुनी हिस्से को भी भारी क्षति पहुंचती है।

बढ़ जाती है दिल की धड़कन 
लगातार बेहोश होने से कार्डिएक एरिथेमिया बीमारी हो जाती है। कार्डिएक एरेथेमिया में हार्ट बीट अचानक बहुत तेज या अचानक बहुत कम हो जाती है। यानी दिल की धड़कन में बहुत तेजी से उतार-चढ़ाव होने लगता है।

जितने लोगों को लगातार बेहोशी की शिकायत है, उनमें से 10 प्रतिशत लोगों को कार्डिएक एरिथेमिया की बीमारी लग जाती है या किसी और तरह की दिल से संबंधित बीमारियां लग जाती हैं।

जांच
बेहोशी की जांच के लिए ईसीजी किया जाता है। खून में शुगर का स्तर और ब्लड काउंट की भी निगरानी की जा सकती है। नतीजों के आधार पर समस्या की गंभीरता का आंकलन करने के लिए और व्यापक कार्डियक आंकलन की आवश्यकता हो सकती है।

शरीर को रखें हाईड्रेटिड
खूब पानी पीने से बेहोशी का खतरा टाल जा सकता है। ध्यान रहे कि पानी पीने शरीर को हाइड्रेटिड रखा जा सकता है। अधिकतर लोग चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक, ग्रीन टी आदि पीकर बॉडी डिहाइड्रेट कर लेते हैं। यदि आप अधिक पानी नहीं पी सकते हैं  नींबू पानी, छाछ, लस्सी आदि लें ताकि बॉडी को हाइड्रेट रख सकते हैं।

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