चित्रकूट जेल में फायरिंग 2 की हत्या, एनकाउंटर में गैंगस्टर भी ढेर

चित्रकूट। उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जेल में फायरिंग हुई है। चित्रकूट जेल से प्राप्त सूचना के अनुसार जिला जेल चित्रकूट की उच्च सुरक्षा बैरक में निरुद्ध अंशु दीक्षित पुत्र जगदीश जो जिला जेल सुल्तानपुर से प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरित होकर चित्रकूट में निरूद्ध है ने आज सुबह लगभग 10:00 बजे सहारनपुर से प्रशासनिक आधार पर …

चित्रकूट। उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जेल में फायरिंग हुई है। चित्रकूट जेल से प्राप्त सूचना के अनुसार जिला जेल चित्रकूट की उच्च सुरक्षा बैरक में निरुद्ध अंशु दीक्षित पुत्र जगदीश जो जिला जेल सुल्तानपुर से प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरित होकर चित्रकूट में निरूद्ध है ने आज सुबह लगभग 10:00 बजे सहारनपुर से प्रशासनिक आधार पर आए बंदी मुकीम काला तथा बनारस जिला जेल से प्रशासनिक आधार पर आए मेराज अली को असलहे से मार दिया। तथा पांच अन्य बंदियों को अपने कब्जे में कर लिया। घटना की जांच तथा स्थिति का जायजा लेने हेतु प्रभारी उप महानिरीक्षक कारागार इलाहाबाद रेंज,  पी एन पांडे पुहंच रहे हैं।

अंशु दीक्षित उन्हें जान से मारने की धमकी देने लगा क्योंकि उसके पास असलहा था ऐसे में जिला प्रशासन को सूचना दी गई चित्रकूट के डीएम और एसपी द्वारा पहुंचकर बंदी को नियंत्रित करने का बहुत प्रयास किया गया किंतु वह पांच अन्य बंदियों को भी मार देने की धमकी देता रहा उसकी आक्रामकता तथा जिद को देखते हुए पुलिस द्वारा कोई विकल्प ना देखते हुए की गई फायरिंग में अंशु दीक्षित भी मारा गया इस प्रकार कुल 3 बंदी इस घटना में में मरे हैं।

जिसमें अंशु दीक्षित पुलिस द्वारा जब कि मुकीम काला और मेराजअली को अंशु दीक्षित ने असलहे से मारा है। कारागार में तलाशी कराई जा रही है। जिलाधिकारी तथा एसपी मौके पर मौजूद हैं तथा घटनाक्रम की जानकारी प्राप्त कर रहे हैं अन्य विवरण प्राप्त होते ही अवगत कराया जाएगा.फिलहाल कारागार में शांति है तथा स्थिति नियंत्रण में है।

वेस्‍ट यूपी के कैराना में पलायन का मुख्य आरोपी मुकीम काला था
वेस्‍ट यूपी के कैराना में पलायन का मुख्य आरोपी मुकीम काला था। बता दें, कैराना समेत आसपास के इलाकों में आतंक का पर्याय बना कुख्यात मुकीम उर्फ काला 6 साल पहले अन्य मजदूरों के साथ मकान निर्माण में चि‍नाई मिस्त्री के साथ मजदूरी करता था। मुकीम काला ने पहली वारदात हरियाणा के पानीपत में एक मकान में डकैती के रूप में अंजाम दी।

इस मामले में मुकीम काला जेल गया था। उसके बाद उसने अपराध की दुनिया में अपने कदम आगे बढ़ा दिए। मुकीम काला का खौफ वेस्ट यूपी के अलावा हरियाणा के पानीपत और उत्तराखंड के देहरादून में भी फैला है। मुकीम का गैंग पुलिस के रडार पर तब आया जब इन्होंने पुलिस पर भी हमले करने शुरू कर दिए। पुलिस के अनुसार, दिसबंर 2011 में पुलिस एनकाउंटर में मुस्तफा उर्फ कग्गा मारा गया जिसके बाद मुस्तकीम काला ने कग्गा के गैंग की बागडोर संभाल कर वारदातों को अंजाम देना शुरू कर दिया।

मुकीम काला के गैंग में डेढ़ दर्जन से अधिक बदमाश शामिल रहे और उन्होंने ताबड़ोड़ दो वर्षों में ही हत्या, लूट, रंगदारी समेत कई जघन्य वारदातों को अंजाम दे दिया। मुकीम काला ने अपने साथियों के साथ एक के बाद एक कई वारदात किए, लेकिन कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। पुलिस ने उसे कई बार पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वह पुलिस की आंखों में धूल झोंककर फरार हो गया। पिछले साल अक्तूबर में पुलिस ने मुकीम काला को उसके साथी साबिर के साथ गिरफ्तार किया।

शामली पुलिस के अनुसार, मुकीम काला को गिरफ्तार करने के बाद सहारनपुर जेल में रखा गया था। लेकिन बाद में उसे महाराजगंज जिले की जेल में और बाद में चित्रकूट जेल भेजा गया। पुलिस के अनुसार, वर्तमान में मुकीम काला पर करीब अलग-अलग थानों में करीब 61 अपराधिक मुकदमें दर्ज हैं। मुकीम काला गिरोह का काम लूट, हत्या, डकैती और जबरन रंगदारी वसूलना है।