पूरा देश हिंदुत्व की चपेट में नहीं : सलमान खुर्शीद

पूरा देश हिंदुत्व की चपेट में नहीं : सलमान खुर्शीद

नई दिल्ली। भाजपा ‘हिंदुत्व’ पर समर्थन जुटाने में लगी हुई है। इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने निशाना साधते हुए कहा है कि पूरा देश ‘हिंदुत्व’ की चपेट में नहीं आया है। सलमान खुर्शीद ने कहा, “यह कोई ऐसा मुद्दा नहीं है, जिसे मैं शब्दों के जरिए समझा सकता हूं। मैं यह …

नई दिल्ली। भाजपा ‘हिंदुत्व’ पर समर्थन जुटाने में लगी हुई है। इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने निशाना साधते हुए कहा है कि पूरा देश ‘हिंदुत्व’ की चपेट में नहीं आया है। सलमान खुर्शीद ने कहा, “यह कोई ऐसा मुद्दा नहीं है, जिसे मैं शब्दों के जरिए समझा सकता हूं। मैं यह मानने को तैयार नहीं हूं कि पूरा देश हिंदुत्व के नियंत्रण में आ गया है। आंकड़ों या मेरी समझ के अनुसार ऐसा नहीं हुआ है। हालांकि अच्छी संख्या में लोग निश्चित रूप से उनके (भाजपा) साथ खड़े हुए हैं और उन्हें सत्ता में लाए हैं।” खुर्शीद ने कहा, “जब कोई सरकार एक नए राजनीतिक विचार के साथ आती है, तो लोग इसका फायदा उठाते हैं। कुछ कांग्रेस के खिलाफ द्वेष के कारण भाजपा में गए हैं, लेकिन यह स्थायी नहीं है।”

कांग्रेस नेता ने कहा, “अगर हम अपनी बात ठीक से नहीं रखेंगे तो निश्चित रूप से दूसरों की राय प्रबल होगी। इसका मतलब यह नहीं है कि हमारे पास कहने के लिए कुछ नहीं है। हमें अपनी कहानी निश्चित रूप से बतानी चाहिए और इसे सही तरीके से बतायी जानी चाहिए। हम भारत को उस रास्ते पर वापस लाएंगे, जिस पर वह आजादी के बाद चला था।”

छत्तीसगढ़, एमपी और राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव के मुद्दों पर खुर्शीद ने कहा, “उदयपुर में चिंतन शिविर के बाद पार्टी में नई नियुक्तियां हो रही हैं, संगठन को मजबूत करने का काम किया जा रहा है। आगामी चुनावों के लिए टीमों के गठन पर भी काम चल रहा है। हमारे मीडिया विभाग को भी मजबूत किया जा रहा है। इसका परिणाम आने वाले समय में देखा जाएगा।”

भाजपा बुलडोजर का इस्तेमाल कर रही है, क्या इससे कांग्रेस की राजनीतिक पर असर पड़ेगा, इस सवाल पर खुर्शीद ने कहा, “अगर कोई अपराध करता है, तो उस अपराध की सजा कानून के तहत समान हो सकती है, आप तय नहीं कर सकते कि क्या सजा दी जाएगी। लोग 50 साल से घर बना रहे हैं, लेकिन प्रशासन को अब पता चल रहा है कि कौन सा घर वैध है और कौन सा नहीं। बुलडोजर कार्रवाई की वैधता पर संसद में चर्चा होनी चाहिए। अभी लोग इतने डरे हुए हैं कि इस मुद्दे पर खुलकर बात भी नहीं कर रहे हैं।”

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