साइबर सुरक्षा

साइबर सुरक्षा

भारत हर क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ रहा है। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम से हमारे जीवन में सशक्तिकरण और सकारात्मक परिवर्तन हुए हैं। हमारी निर्भरता डिजिटल व्यवस्था पर बढ़ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन है कि हर भारतीय को टेक्नोलॉजी और इंटरनेट के जरिए खुद को सशक्त बनाना चाहिए। डेटा और सूचना आने वाले …

भारत हर क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ रहा है। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम से हमारे जीवन में सशक्तिकरण और सकारात्मक परिवर्तन हुए हैं। हमारी निर्भरता डिजिटल व्यवस्था पर बढ़ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन है कि हर भारतीय को टेक्नोलॉजी और इंटरनेट के जरिए खुद को सशक्त बनाना चाहिए। डेटा और सूचना आने वाले दिनों में बहुत बड़ी आर्थिक ताकत बनने वाली है इसीलिए डेटा और सूचना की सुरक्षा के लिए भी हमें खुद को तैयार करना होगा।

याद रहे जीवन में प्रौद्योगिकी के अपने कुछ फायदे और चुनौतियां हैं। यहां यह कहना महत्वपूर्ण है कि डिजिटल इंडिया तभी कामयाब हो पाएगा, जब हम साइबर सुरक्षा की बुनियादी चुनौतियों का सामना करने में पूरी तरह से सक्षम हो पाएंगे। चूंकि साइबर सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा का अभिन्न अंग है। ऐसे में अगर हम साइबर सुरक्षा को सुनिश्चित नहीं करते हैं, तो हमारी यही ताकत हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती बन जाएगी। हकीकत है कि आज के युग में साइबर सुरक्षा के बिना देश के विकास की कल्पना करना संभव नहीं है।

सोमवार को साइबर सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश के विकास के लिए साइबर सुरक्षित भारत का निर्माण महत्वपूर्ण है। आज के दौर में साइबर सुरक्षा के बिना भारत का विकास नहीं हो सकता।
साइबर धोखाधड़ी व अन्य प्रकार के साइबर अटैक आज दुनिया में सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। गौरतलब है कि क्योंकि साइबर हमला करने के लिए किसी को मैदान में नहीं उतरना पड़ता, बल्कि बंद कमरे में छिपकर दुनिया के नेटवर्क से जुड़े कंप्यूटर या लैपटॉप से दुनिया के किसी भी कोने में रखे कंप्यूटर को हैक कर सकते हैं।

यह स्थिति एक बड़े स्तर पर सुरक्षा की मांग करती है। अब तैयारी इस बात की होनी चाहिए कि अगर कोई साइबर हमला होता है, तो हम उसके प्रभाव से खुद को फौरन ही कैसे बचा सकते हैं। यह कहना कि साइबर सुरक्षा की जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की है, गलत है। साइबर सुरक्षा का सबसे महत्वपूर्ण आधार जन जागरूकता है।

इसके लिए सभी उपभोक्ताओं को साइबर सुरक्षा को लेकर जीवन जीने की शैली के संदर्भ में जागरूक किए जाने की जरूरत है। टेक्नोक्रेट जितना चाहें सुरक्षा सुविधाओं पर शोध कर सकते हैं लेकिन अगर लोग जागरूक नहीं हैं, तो इसे उपयोग में नहीं लाया जा सकता है। जरूरी है कि देश में एक सशक्त साइबर सुरक्षा कानून हो, जो विभिन्न प्रकार के साइबर खतरों, हमलों और अपराधों को अच्छी तरह से परिभाषित कर सके।