निशाने पर चीन

निशाने पर चीन

चीन पर नकेल कसने के लिए दुनिया के दिग्गज नेता जापान की राजधानी टोक्यो में 24 मई को बैठक करने जा रहे हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध और लद्दाख से लेकर ताइवान तक चीन की बढ़ती आक्रामकता के बीच होने वाले क्वाड देशों के शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी शामिल …

चीन पर नकेल कसने के लिए दुनिया के दिग्गज नेता जापान की राजधानी टोक्यो में 24 मई को बैठक करने जा रहे हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध और लद्दाख से लेकर ताइवान तक चीन की बढ़ती आक्रामकता के बीच होने वाले क्वाड देशों के शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी शामिल होंगे। गौरतलब है कि हालिया दौर में भूराजनीतिक प्रतिस्पर्धा का माहौल बन गया है। इस पृष्ठभूमि में भारत, जापान, आस्ट्रेलिया और अमेरिका के नेतृत्व वाले क्वाड की सर्व-समावेशी भूमिका को ‘वैश्विक हित की ताकत’ पर परिवर्तनकारी प्रभाव के तौर पर देखा जा रहा है।

चीन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में लगातार अपना दबदबा बनाने की जुगत कर रहा है। ऐसे में भारत और अमेरिका समेत दुनिया की कई ताक़तें हिंद-प्रशांत क्षेत्र को तत्काल मुक्त, खुला और फूलता-फलता इलाक़ा बनाने की जरूरतों पर मंथन कर रहे हैं। दुनियाभर में मौजूद असंतुलनकारी ताक़तों से मुक़ाबला करते हुए मानवता की भलाई को बढ़ावा देना ही क्वाड का मकसद है। जबकि चीन हमेशा से क्वाड को लेकर तीखे हमले करता रहा है। चीन लगातार क्वाड को एशियाई नाटो बताकर अभियान चला रहा है। क्वाड ने हमेशा इस बात पर जोर दिया कि यह सैन्य गठबंधन नहीं है या यह नाटो का एशियाई संस्करण नहीं है।

हाल के वर्षों में भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते प्रगाढ़ हुए हैं लेकिन भारत ने अपनी रणनीतिक स्वायत्ता को बरकरार रखा है। यही वजह है कि भारत ने यूक्रेन युद्ध में रूस की आलोचना नहीं की है। भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी से चीन घबराया हुआ है। भारत के लिए चीन की बढ़ती सैन्य और आर्थिक ताकत चुनौती है जो भारत के लिए चिंता बढ़ाने वाली है। चीन हिंद महासागर में अपना असर बढ़ाने की कोशिश भी कर रहा है। अमेरिका की नीति पूर्वी एशिया में चीन को काबू करने की है। इसी वजह से वह क्वाड को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में फिर से दबदबा हासिल करने के अवसर के तौर पर देखता है।

ऑस्ट्रेलिया को अपनी जमीन, बुनियादी ढांचे की राजनीति में चीन की बढ़ती रुचि और विश्वविद्यालयों में उसके बढ़ते प्रभाव को लेकर चिंता है। जापान पिछले एक दशक में चीन से सबसे ज्यादा परेशान रहा है, जो अपना अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के लिए सेना का इस्तेमाल करने से भी नहीं झिझक रहा। भारत के क्वाड देशों के साथ रिश्ते ने चीनी विश्लेषकों को तनाव में डाल दिया है। देखना होगा कि क्या क्वाड की रणनीति से चीन की जंगी सनक पर अंकुश लग सकेगा।

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