बसपा का मौन चुनाव अभियान, विरोधियों के लिए खतरा: राजकिशोर
बस्ती। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री राजकिशोर सिंह ने उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में बसपा के मौन प्रचार अभियान (साइलेंट कैंपेनिंग) को प्रभावी बताते हुये दावा किया है कि पार्टी सुप्रीमो मायावती की यह रणनीति भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा समाजवादी पार्टी (सपा) के लिये खतरनाक साबित होगी। …
बस्ती। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री राजकिशोर सिंह ने उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में बसपा के मौन प्रचार अभियान (साइलेंट कैंपेनिंग) को प्रभावी बताते हुये दावा किया है कि पार्टी सुप्रीमो मायावती की यह रणनीति भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा समाजवादी पार्टी (सपा) के लिये खतरनाक साबित होगी।
बसपा को हल्के में लेने वाले बाद में पछताएंगे
सिंह ने रविवार को ‘यूनीवार्ता’ को बताया कि बसपा की चुप्पी को हल्के में लेने वालों को चुनाव के बाद पछताना पड़ेगा। उन्होंने बसपा की प्रचण्ड बहुमत से सरकार बनने का दावा करते हुए कहा कि भाजपा में मची भगदड़, पहले कभी किसी दल में नहीं देखी गयी।
सपा और भाजपा के प्रचार अभियान की धमक के बीच बसपा के मौन पर उन्होंने कहा कि बसपा पूरी तरह से मैदान मे उतर चुकी है। पार्टी शोरगुल करने के बजाय सीधे अपने लक्षित मतदाता से जुड़ रही है। सिंह ने कहा कि सिर्फ अपने परिवार के भले के लिए ही काम करने वाली सपा को जनता ने चुनाव से पहले ही नकार दिया है।
कोरोना को देखते हुए पार्टी अपना रही अलग तरीका
बसपा की चुनावी रणनीति के बारे में उन्होंने कहा कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में पार्टी औसतन 25 हजार से 30 हजार मतों को अपना ‘वोट बैंक’ मानकर चुनाव लड़ती रही है। उन्होंने इस बार कोरोना के खतरे के कारण उपजी परिस्थितियों का हवाला देकर कहा पार्टी नेतृत्व ने इस चुनाव में कुछ अलग तरीके अपनाते हुये सीधे अपने वोट बैंक से जुड़े हर मतदाता तक पहुंचने की पहल की है।
सिंह ने कहा कि पूर्वांचल क्षेत्र में भाजपा तथा सपा ने बड़ी-बड़ी रैलियां भी की हैं, लेकिन बसपा पूरी तरह से ‘साइलेंट मूड’ मे चुनाव लड़ रही है। गौरतलब है कि 2007 के विधान सभा चुनाव में बसपा ने अच्छा प्रदर्शन कर पार्टी के 403 में से 206 प्रत्याशियों ने चुनाव जीता था। इससे पहले 1995 में सपा की मुलायम सिंह सरकार को गिराकर भाजपा के समर्थन से मायावती ने सरकार बनायी थी।
सोशल मीडिया पर भी तेजी से सक्रिय हो रही है पार्टी
सिंह ने कहा कि इस बार भी पार्टी 2007 के चुनाव परिणाम को दोहराने के मकसद से नयी रणनीति के तहत चुनाव लड़ रही है। इस बार बसपा सोशल मीडया प्लेटफार्मों को भी तेजी से अपना रही है। बसपा के युवा समर्थक परंपरागत प्रचार साधनो के साथ-साथ फेसबुक, इस्ट्राग्राम, ट्विटर और व्हाट्सएप पर भी सक्रिय हैं।
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