हल्द्वानी: यंग साइंटिस्ट अवार्ड से नवाजी गईं वनस्पति विज्ञान की शोधार्थी सपना पंत और साइमा अल्ताफ, गुरुजनों का मिला आशीर्वाद

हल्द्वानी: यंग साइंटिस्ट अवार्ड से नवाजी गईं वनस्पति विज्ञान की शोधार्थी सपना पंत और साइमा अल्ताफ, गुरुजनों का मिला आशीर्वाद

हल्द्वानी, अमृत विचार। एक बार फिर हल्द्वानी के इंदिरा प्रियदर्शिनी राजकीय स्नातकोत्तर महिला वाणिज्य महाविद्यालय के गुरुजनों और शोधार्थियों ने अपनी मेहनत और जुनून के दम पर न केवल उत्तराखंड बल्कि देश को गौरवांन्वित करने का अवसर दिया है। उत्तराखंड स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी की ओर से 22 से 24 जून तक देहरादून …

हल्द्वानी, अमृत विचार। एक बार फिर हल्द्वानी के इंदिरा प्रियदर्शिनी राजकीय स्नातकोत्तर महिला वाणिज्य महाविद्यालय के गुरुजनों और शोधार्थियों ने अपनी मेहनत और जुनून के दम पर न केवल उत्तराखंड बल्कि देश को गौरवांन्वित करने का अवसर दिया है।

शोधार्थी बेटियों की उपलब्धि पर वनस्पति विज्ञान विभाग में पुष्पगुच्छ देकर अभिनंदन करते गुरुजन।

उत्तराखंड स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी की ओर से 22 से 24 जून तक देहरादून की ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी में आयोजित 15वीं और 16वीं उत्तराखंड स्टेट साइंस एंड टेक्नोलॉजी कांग्रेस में हल्द्वानी महिला कॉलेज की शोधार्थी सपना पंत और साइमा अल्ताफ को यंग साइंटिस्ट अवार्ड से सम्मानित किया गया। ऐसे में आज जब दोनों बेटियां यंग साइंटिस्ट का अवार्ड लेकर वनस्पति विज्ञान विभाग में अपने गुरुजनों के पास पहुंची तो दोनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

यंग साइंटिस्ट अवार्ड विजेता रिसर्च स्कॉलर सपना पंत और साइमा अल्ताफ।

गले में चमचमाता मेडल और हाथ में उपलब्धि का सर्टिफिकेट लेकर आईं इन शोधार्थी बेटियों की उपलब्धि पर गुरुजनों ने भी ढेर सारा आशीर्वाद और शुभकामनाएं दीं। वनस्पति विज्ञान की शोधार्थी साइमा अल्ताफ मूल रूप से कश्मीर के अनंतनाग जिले की रहने वाली हैं जबकि सपना पंत मूल रूप से पिथौरागढ़ के बेरीनाग क्षेत्र की रहने वाली हैं। दोनों शोधार्थियों ने गुरुजनों के मार्गदर्शन में पर्यावरण और इको सिस्टम से जुड़े अपने शोध कार्य से न केवल बेहतर पर्यावरण के लिए उम्मीद की किरण जगाई है बल्कि अपने जज्बे से ये साबित भी किया है कि अगर ठान लें तो कुछ भी नामुमकिन नहीं।

वनस्पति विज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. एसडी तिवारी ने बताया कि दोनों ही शोधार्थी बेटियों का शोध कार्य न केवल महाविद्यालय बल्कि वनस्पति विज्ञान विभाग के लिए गर्व का पल है। उन्होंने बताया कि आमजन जिन पौधों के महत्व को दरकिनार कर देता है, उन्हीं पौधों पर इन दोनों बेटियों ने शोध कार्य किया है। शोधार्थी सपना पंत ने “मुक्तेश्वर एज ए साइट ऑफ ब्रायोलॉजिकल हाटस्पॉट इन नार्थ वेस्ट हिमालया” पर शोध किया। सपना पंत ने मुक्तेश्वर क्षेत्र से पांच ऐसे मोनोटिपिक इंडिमिक प्लांट चिह्नित किए हैं जो दुनिया में केवल भारत वर्ष के पश्चिमी हिमालय में ही पाए जाते हैं। ये पौंधे विश्व आईओसीएन की कैटेगरी में रेड डाटा बुक में शामिल हैं।

इसके साथ ही डॉ. सरस्वती बिष्ट के निर्देशन में कश्मीर से आईं शोधार्थी साइमा अल्ताफ ने “न्यू रूट एंडोफिटिक एक्वैटिक हाइफो माइसिट्स फ्रॉम नंधौर रिवर” से जुड़ा महत्वपूर्ण शोध किया। पानी में उगने वाली फंफूद कैसे अन्य वनस्पतियों के लिए फायदेमंद हो सकती हैं, इससे जुड़ा शोध कार्य कर साइमा अल्ताफ ने पर्यावरण में सूक्ष्म पौधों की महत्ता को साबित किया है। इधर, अपने शोध कार्य पर मिले सम्मान पर दोनों ही शोधार्थी बेटियों के चेहरे की खुशी देखते ही बनीं। दोनों ही बेटियों ने शोधकार्य की सफलता पर अपने परिजनों के साथ-साथ वनस्पति विज्ञान विभाग के शिक्षकों का आभार जताया है।