भाजपा की नजर लोकसभा चुनाव पर, बढ़ सकता है नड्डा का कार्यकाल

भाजपा की नजर लोकसभा चुनाव पर, बढ़ सकता है नड्डा का कार्यकाल

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे.पी. नड्डा को कम से कम 2024 के लोकसभा चुनाव तक इस पद पर बरकरार रखा जा सकता है, क्योंकि पार्टी आलाकमान को लगता है कि संगठन में निरंतरता रखने से उसे आम चुनाव से पहले, आगामी महीनों में होने वाले प्रमुख विधानसभा चुनावों में मदद मिल …

नई दिल्ली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे.पी. नड्डा को कम से कम 2024 के लोकसभा चुनाव तक इस पद पर बरकरार रखा जा सकता है, क्योंकि पार्टी आलाकमान को लगता है कि संगठन में निरंतरता रखने से उसे आम चुनाव से पहले, आगामी महीनों में होने वाले प्रमुख विधानसभा चुनावों में मदद मिल सकती है। नड्डा का तीन साल का कार्यकाल अगले साल जनवरी में समाप्त हो जाएगा।

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सूत्रों के अनुसार भाजपा की सर्वोच्च संस्था संसदीय बोर्ड उससे पहले उनका कार्यकाल बढ़ाने का समर्थन कर सकता है। उन्होंने कहा कि भाजपा की राज्य इकाइयों में संगठनात्मक चुनाव अभी शुरू नहीं हुए हैं, इसलिए यह स्पष्ट है कि नड्डा इस पद पर बने रहेंगे। पार्टी के नियमों के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले इसकी कम से कम आधी राज्य इकाइयों में संगठनात्मक चुनाव होने चाहिए। नड्डा के पूर्ववर्ती अमित शाह को भी कार्यकाल विस्तार मिला था, क्योंकि पार्टी चाहती थी कि वह 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान पद पर बने रहें।

साल 2019 में संसदीय चुनाव समाप्त होने के बाद एक बार फिर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बनी। इस सरकार में अमित शाह केंद्रीय गृह मंत्री बने, जिसके बाद संगठनात्मक चुनाव हुए और नड्डा को निर्विरोध पार्टी अध्यक्ष चुन लिया गया। हिमाचल प्रदेश से संबंध रखने वाले नड्डा (61) मोदी के विश्वासपात्र माने जाते हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेताओं के साथ भी उनके मधुर संबंध हैं।

पार्टी सूत्रों ने कहा कि नड्डा को इसके विस्तार के लिए समन्वय और रणनीतियों को लागू करने का श्रेय दिया जाता है।। भाजपा ने नड्डा के नेतृत्व में कई महत्वपूर्ण चुनावी सफलताएं हासिल की हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में सत्ता बरकरार रखना और बिहार में प्रभावशाली प्रदर्शन करना शामिल है। हालांकि, उनके नेतृत्व में पार्टी को पिछले साल पश्चिम बंगाल में हार का सामना करना पड़ा था।

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