बरेली: मटके वाले प्याऊ गायब तो वाटर कूलिंग मशीनें पानी को तरसीं
अमृत विचार, बरेली। एक दो साल पहले शहर के प्रमुख चौराहों के साथ नगर निगम और सरकारी कार्यालयों के बाहर प्याऊ नजर आते थे। प्रतिदिन गमछा बांधे व्यक्ति लाल रंग के कपड़े से ढककर मटके वाला पानी राहगीरों को बड़े आदर से पिलाते थे। भीषण गर्मी में हजारों लोगों को प्याऊ राहत देते थे। बाद …
अमृत विचार, बरेली। एक दो साल पहले शहर के प्रमुख चौराहों के साथ नगर निगम और सरकारी कार्यालयों के बाहर प्याऊ नजर आते थे। प्रतिदिन गमछा बांधे व्यक्ति लाल रंग के कपड़े से ढककर मटके वाला पानी राहगीरों को बड़े आदर से पिलाते थे। भीषण गर्मी में हजारों लोगों को प्याऊ राहत देते थे। बाद में प्याऊ हाईटेक हाे गए।
छोटा कमरा बनाकर उसमें वाटर कूलिंग मशीनें रख दी गईं। राहगीरों को पानी मिलता रहा। कुछ साल प्याऊ सही चले फिर खराब हो गए। इस बार चौराहों और सरकारी कार्यालयों के बाहर मटके वाले प्याऊ गायब हैं। इसके साथ जहां प्याऊ के लिए कमरे बने हैं, उनमें मशीनें खराब पड़ी हैं। प्याऊ खुद पानी को तरस रहे हैं।अनदेखी का आलम यह है कि अधिकारी तो दूर जनप्रतिनिधि भी इस तरफ नहीं झांकते हैं। कई दिन से 40 से 42 डिग्री तापमान रह रहा है। दोपहर में सड़कों पर चलना मुश्किल है, लेकिन शहर में कहीं प्याऊ नहीं होने से राहगीरों के हलक सूख रहे हैं। प्यास लगने पर उन्हें बोतल खरीदकर पानी पीना पड़ रहा है। मेयर, शहर विधायक, कैंट विधायक, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद समेत अन्य जनप्रतिनिधियों के शहर में लोग गर्मी में पानी को तरस रहे हैं।
शहर के सबसे प्रमुख पटेल चौक (अयूब खान चौराहा) पर बने प्याऊ ने वर्षों तक लोगों की प्यास बुझाई। चार साल से रखरखाव के अभाव में यह प्याऊ बंद पड़ा है। प्याऊ के नल की टोंटी तक लोग खोलकर ले गए हैं। आसपास के दुकानदार बताते हैं कि कभी इस प्याऊ पर लोगों की भीड़ लगी रहती थी। ठंडे पानी के कारण आसपास के दुकानदार भी यहां से बोतल में पानी भरकर ले जाते थे। लेकिन अब पानी खरीदना पड़ता है।
इसी तरह बटलर मार्केट स्थित प्याऊ को तो लोगों ने मूत्रालय में तब्दील कर दिया है। दुकानदार बताते हैं कि पूरी मार्केट को पानी पिलाने वाला यह प्याऊ आज खुद पानी के लिए तरस रहा है। यहां बने कमरे के अंदर फ्रीजर रखा हुआ है, लेकिन खराब पड़ा है। यहां दुकानदारों को पानी खरीदना पड़ रहा है। पुराना बस अड्डा पर प्याऊ खराब पड़ा है। यहां यात्रियों को पानी के लिए परेशान होने पड़ रहा है।
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