बरेली: यूपी बोर्ड की लापरवाही का खामयाजा भुगत रहे हैं छात्र, कहीं नहीं मिल रहा एडमिशन, बरेली के भी तमाम छात्र शामिल

बरेली: यूपी बोर्ड की लापरवाही का खामयाजा भुगत रहे हैं छात्र, कहीं नहीं मिल रहा एडमिशन, बरेली के भी तमाम छात्र शामिल

बरेली। कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार सभी सभी बोर्ड परीक्षाओं को रद कर दिया गया था। छात्रों को बिना परीक्षा के ही पिछली कक्षाओं के नंबरों के आधार पर पास किया गया। मगर इस तरह से पास होना अब इंटरमीडिएट के छात्रों को आफत बन गया है। तमाम छात्रों की मार्कशीट पर नंबरों …

बरेली। कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार सभी सभी बोर्ड परीक्षाओं को रद कर दिया गया था। छात्रों को बिना परीक्षा के ही पिछली कक्षाओं के नंबरों के आधार पर पास किया गया। मगर इस तरह से पास होना अब इंटरमीडिएट के छात्रों को आफत बन गया है। तमाम छात्रों की मार्कशीट पर नंबरों की जगह केवल प्रमोटेड लिखकर भेजा गया है। जिसकी वजह से उन्हें न तो कहीं स्नातक में एडमिशन मिल रहा है न ही उनकी मार्कशीट ठीक हो रही है। छात्र डीआईओएस से लेकर बोर्ड ऑफिस तक चक्कर काट रहे हैं। उन्हें सिर्फ दोबारा परीक्षा का ही हवाला दिया जा रहा है।

कुछ छात्रों को दिए गए नंबर
छात्रों की माने तो एक-एक स्कूल के कई छात्र-छात्राएं ऐसे है, जिनकी मार्कशीट पर केवल प्रमोटेड लिखकर भेजा गया है। जबकि कई ऐसे भी है, जिन्हें वाकायदा मार्कस दिए गए है। जिन छात्रों की मार्कशीट पर प्रमोटेड लिखकर भेजा गया है। उनका कहना है कि उन्होंने ग्यारवी की परीक्षाओं से लेकर प्री-बोर्ड, सभी टेस्ट सब कुछ दिया। इसके बाद भी उन्हें केवल प्रमोट किया गया। अब वह जगह-जगह एडमिशन के लिए भटक रहे है। मगर उनकी कोई सुनने के लिए तैयार नहीं। अधिकारी भी एक दूसरे के ऊपर टाल देते है।

स्नातक में मैरिट लिस्ट के आधार पर हो रहा एडमिशन
छात्रों का कहना है कि तमाम कॉलेज मैरिट लिस्ट के आधार पर स्नातक में प्रवेश ले रहे है। मगर उनकी मार्कशीट में नंबर नहीं होने की वजह से उनकी मैरिट ही नहीं बन रही। ऐसे में वह अब किसी भी कॉलेज में एडमिशन लेने के लायक नहीं बचे है। उनका पूरा भविष्य बर्बाद होता नजर आ रहा है। यह कब तक ठीक होगा इसका भी कोई आश्वासन नहीं मिल रहा है।

… आखिर ऐसा हुआ क्यों, अधिकारी भी नहीं जानते
छात्रों के साथ ऐसा क्यों हुआ कि कुछ बच्चों की मार्कशीट में नंबर आए और कुछ के केवल प्रोमोटेड लिखकर भेजा गया। इस बारे में अधिकारियों को भी नहीं पता। जब हमने इस बारे में डीआईओएस प्रभारी डॉ. सुभाष मौर्या से बात की तो उन्होंने बताया कि सभी स्कूलों ने छात्रों के दोनों वर्ष कें अंकों को भेजा था। बोर्ड ने जो कुछ भी मांगा सभी डाटा दिया गया। इसके बाद छात्रों के मार्कस क्यों नहीं दिए गए यह बात समझ से परे है।