बरेली: इंजीनियरों के भ्रष्टाचार जानने के लिए खंगाले गए रिकार्ड

बरेली: इंजीनियरों के भ्रष्टाचार जानने के लिए खंगाले गए रिकार्ड

बरेली, अमृत विचार। नगर निगम के निर्माण विभाग में इंजीनियरों के भ्रष्टाचार में लिप्त होने की गंभीर शिकायतें शासन तक पहुंचने और इस प्रकरणों को लेकर ठेकेदार, कई पार्षदों के साथ मेयर के भी मोर्चाबंदी करने के बाद से निगम के उच्चाधिकारियों के भी माथे ठनक गए हैं। सूत्र बताते हैं कि ठेकेदारों की बड़ी …

बरेली, अमृत विचार। नगर निगम के निर्माण विभाग में इंजीनियरों के भ्रष्टाचार में लिप्त होने की गंभीर शिकायतें शासन तक पहुंचने और इस प्रकरणों को लेकर ठेकेदार, कई पार्षदों के साथ मेयर के भी मोर्चाबंदी करने के बाद से निगम के उच्चाधिकारियों के भी माथे ठनक गए हैं। सूत्र बताते हैं कि ठेकेदारों की बड़ी संख्या में भुगतान की फंसी फाइलों और बिलों के रिकार्ड खंगालने शुरू कर दिए गए हैं। बताते हैं कि शनिवार को कुछ अभियंताओं से इस मामलों को लेकर एक वरिष्ठ अधिकारी ने पूछताछ भी की है। यह मामला नगर विकास मंत्री और शासन के कई उच्चाधिकारियों तक पहुंच गया है लेकिन कार्रवाई के डर से निर्माण विभाग के अभियंताओं की गर्दन भी फंसती दिखाई दे रही हैं।

नगर निगम के निर्माण विभाग में भ्रष्टाचार के मामलों ने सारी सीमाएं ही तोड़ दी हैं। निर्माण विभाग की ओर से करोड़ों के कराए गए टेंडरों के बावजूद उनके भुगतान लटकाने और इंजीनियरों के बिल तक न बनाने के मामले की आंच मुख्य अभियंता बीके सिंह तक आ चुकी है। एक पूर्व पार्षद की शिकायत के बाद शासन के निर्देश पर एंटी करप्शन इस पूरे प्रकरण की जांच कर रही है। इन मामलों को लेकर मेयर डॉ. उमेश गौतम भी निर्माण कार्यों के घपलों के मामले नगर विकास मंत्री तक पहुंचा दिए हैं।

निर्माण विभाग के चीफ सहित कई इंजीनियरों पर यह भी गंभीर आरोप हैं कि नगर निगम ने 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत करीब 35 करोड़ रुपये के टेंडर किए थे। इसमें मुख्य अभियंता ने करीब 70 फीसद के लगभग 25 करोड़ रुपये के काम एक महिला अभियंता को आवंटित कर दिए। इन मामलों का संज्ञान लेते हुए नगर आयुक्त अभिषेक आनंद ने अपने स्तर से इस प्रकरणों को लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। अब चीफ इंजीनियर भी सीनियर इंजीनियरों को नजरअंदाज कर अवर अभियंता को करोड़ों के काम देने के मामले का संज्ञान लेकर इसे संशोधित करने में जुटे हैं।

सूत्र बताते हैं कि निर्माण विभाग के इंजीनियर धीरे-धीरे आरोपों और गंभीर मामलों में चारों तरफ से घिर रहे हैं। निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुपचुप तरीके से निर्माण निर्माण में ठेकेदारों के भुगतान की फंसी करोड़ों की फाइल और बिलों को लटकाए जाने की सच्चाई जानने को लेकर रिकार्ड खंगालने शुरू कर दिए हैं। चूंकि यह मामला सीधे शासन तक पहुंच गया है, इसलिए घपले-घोटालों में फंसे इंजीनियरों पर कार्रवाई की तलवार भी लटकी हुई है।

भ्रष्टाचार ने बिगाड़ दी स्मार्ट सिटी की सूरत
नगर निगम के निर्माण विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के चलते स्मार्ट सिटी बरेली की सूरत ही बिगड़ गई है। ठेकेदारों के काम न शुरू करने या फिर निर्माण कार्यों के अधूरा छोड़ दिए जाने का खामियाजा आखिरकार जनता को ही भुगतना पड़ रहा है। टूटी और अधूरी सड़कों की वजह से आए दिन होने वाले हादसों और उसका शिकार हो रहे लोगों के दर्द के लिए सीधे तौर से जिम्मेदारों की सेहत पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा।