बरेली: कैदी निभा रहा राम का किरदार, रावण के अपराध पर अभी विचार
बरेली, अमृत विचार। ‘जेल’ का नाम सुनते ही लोगों की रूह कांप जाती है। वहां जाने से बदमाशों और डकैतों का पसीना निकल जाता है। जाने अंजाने कई ऐसे लोग हैं जिन्हें अपनी नासमझी और हेकड़ी के चलते पूरी उम्र इसी चाहरदीवारी में गुजारनी पड़ती है। वहां से उनके मरने की खबर ही बाहर आती …
बरेली, अमृत विचार। ‘जेल’ का नाम सुनते ही लोगों की रूह कांप जाती है। वहां जाने से बदमाशों और डकैतों का पसीना निकल जाता है। जाने अंजाने कई ऐसे लोग हैं जिन्हें अपनी नासमझी और हेकड़ी के चलते पूरी उम्र इसी चाहरदीवारी में गुजारनी पड़ती है। वहां से उनके मरने की खबर ही बाहर आती है। इसके बावजूद कैसे जिदंगी को जिया जाता है। यह कला जिला जेल अधीक्षक विजय विक्रम सिंह को बखूबी आती है।
कोरोना महामारी में जेल में अपनों से बिना मुलाकात के रह रहे सजायाफ्ता और विचाराधीन कैदी और बंदियों को उन्होंने जिस तरह से संभाला वह इससे पहले जिले में कभी नहीं हुआ। उनके आने के बाद दूसरी बार जिला जेल में रामलीला का आयोजन हो रहा है। यह आयोजन वहां सजा काट रहे 50 कैदी और बंदी मिलकर कर रहे हैं। रामलीला के पात्रों का मंचन करने वाले भी कैदी और बंदी हैं। राम का किरदार उमक्रैद की सजा पा चुका कैदी और रावण का किरदार विचाराधीन बंदी निभा रहा है।
वहीं लाइट, डेकोरेशन, म्यूजिक और प्लेबैक सिंगिंग भी वहीं बंद लोग कर रहे हैं। मंच से केवल नेटवर्क के माध्यम से रामलीला का प्रसारण दूसरी बैरिकों में बंद कैदी और बंदियों के लिया किया जा रहा है। जिस दिन किसी भूमिका को निभाने वाले बंदी की पेशी होती है तो उस दिन उसकी जगह दूसरा बंदी किरदार निभाता है।
इस बार जो रामलीला में मुख्य किरदार निभा रहे हैं उसमें कई लोगों को उम्रकैद हो चुकी है। वहीं कई लोगों पर आरोप विचाराधीन है। रामलीला के मंचन के दौरान वहां न तो कोई कैदी होता है और न ही कोई बंदी। अच्छी अदाकारी पर तालियां भी बजती हैं और इससे किरदार निभाने वाले लोगों का मनोबल भी बढ़ता है।
नाम पता भूमिका सजा
हुकुम सिंह मुरादाबाद राम उम्रकैद
मनोज देवरनिया सीता उम्रकैद
संजीव बिहारीपुर रावण विचाराधीन
लक्ष्मण आंवला दशरथ विचाराधीन
अनमोल मेरठ जनक उम्रकैद
लालाराम पशुराम विचाराधीन
अक्षय प्रेमनगर मेकअप विचाराधीन