बरेली: पुलिस की करामात, पहले नहीं किया गिरफ्तार अब कर दिया आरोपमुक्त

बरेली: पुलिस की करामात, पहले नहीं किया गिरफ्तार अब कर दिया आरोपमुक्त

बरेली, अमृत विचार। लाकडाउन में ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी के मामले में फंसे व्यापारी नेता राजेंद्र गुप्ता के भतीजे डोहरा निवासी पारस गुप्ता पुलिस जांच में आरोपमुक्त तो हो गए लेकिन उनका आरोपमुक्त होना कहीं न कहीं सिस्टम की भूमिका पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है। मामले में शुरू से ही पुलिस की भूमिका …

बरेली, अमृत विचार। लाकडाउन में ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी के मामले में फंसे व्यापारी नेता राजेंद्र गुप्ता के भतीजे डोहरा निवासी पारस गुप्ता पुलिस जांच में आरोपमुक्त तो हो गए लेकिन उनका आरोपमुक्त होना कहीं न कहीं सिस्टम की भूमिका पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है। मामले में शुरू से ही पुलिस की भूमिका संदेहास्पद रही। ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए 40 हजार रुपये मांगने के ऑडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने पहले रिपोर्ट दर्ज करने में देरी की। डीएम के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज होने के बाद प्रेमनगर पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की। इस पर जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई लेकिन यहां आरोपी को आरोपमुक्त कर फाइनल रिपोर्ट तक लगा दी गई।

औषधि एवं खाद्य निरीक्षक उर्मिला वर्मा ने 9 मई को प्रेमनगर थाने में व्यापारी नेता राजेंद्र गुप्ता के भतीजे डोहरा निवासी पारस गुप्ता के खिलाफ धोखाधड़ी और आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज करायी थी। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद से आरोपी फरार चल रहा था। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए दबिश देने की बात कहती रही लेकिन उसे गिरफ्तार नहीं किया। आरोपी ने अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट में आवेदन किया था।

कोर्ट ने उसकी अग्रिम जमानत के लिए दो तीन तारीखे दी थीं। इसके बाद पुलिस से रिपोर्ट तलब की जिसके बाद आरोपी को अग्रिम जमानत मिली थी। प्रेमनगर पुलिस पर आरोपी से मिलने और गिरफ्तारी न करने के बाद विवेचना को क्राइम ब्रांच में भेज दिया गया था। मामले की विवेचना क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर शोएब को दी गई थी। 10 अगस्त को इंस्पेक्टर क्राइम ब्रांच शोएब ने मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगा दी है।

एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि फाइनल रिपोर्ट लगाए जाने की जानकारी मुझे नहीं है। इस मामले में एसपी क्राइम से रिपोर्ट ली जाएगी। अगर फाइन रिपोर्ट लगी है तो मामले की फिर से विवेचना की जाएगी। कालाबजारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मेहता सर्जिकल को बचाने में लगी क्राइम ब्रांच

पारस गुप्ता के मामले में फाइनल रिपोर्ट लगाने के बाद अब क्राइम ब्रांच मेहता सर्जिकल के संचालकों को बचाने की तैयारी में जुट गई है। एक पुलिस अधिकारी की चिट्ठी को हथियार बताया जा रहा है। ऐसा ही रहा तो प्रशासन की जांच के बाद दर्ज हुई रिपोर्ट में जल्द ही एफआर लग जाएगी। बीते दिनों मेहता सर्जिकल के संचालकों ने एक पुलिस अधिकारी से मुलाकात कर न्याय की गुहार लगाई थी। उसमें

उन्होंने कहा कि जिस समय ड्रग इंस्पेक्टर और पुलिस टीम ने उनके स्टोर पर छापा मारा था, उस समय उनका बेटा वहां आया था। जबकि उनका बेटा स्टोर पर बैठता ही नहीं है। वह जिले से बाहर रहकर पढ़ाई करता है। जांच में उनके बेटे का नाम गलत तरीके से शामिल किया गया है। इसको आधार बना क्राइम ब्रांच की टीम दर्ज हुई रिपोर्ट में मेहता सर्जिकल के मालिक के बेटे का नाम रिपोर्ट से निकालने की तैयारी कर रही है। वहीं सच्चाई ये है कि उनका बेटा मेहता सर्जिकल स्टोर में रोज बैठता था। दुकान में लगे सीसीटवी फुटेज में उसकी दुकान पर बैठने की तस्वीरें आसानी से मिल जाएगी।

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