बरेली: 50 रुपये में लोगों की जिंदगी दांव पर, आरटीओ व ट्रैफिक दोनों खामोश

बरेली: 50 रुपये में लोगों की जिंदगी दांव पर, आरटीओ व ट्रैफिक दोनों खामोश

बरेली, मोहित कुमार सिंह, अमृत विचार। महज कुछ रुपयों के लालच में निजी वाहन चालक लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। वहीं आरटीओ विभाग इस पर पूरी तरह से चुप्पी साधे बैठा है। ऐसे में किसी तरह का हादसा होने पर किसकी जिम्मेदारी होगी, इसका कोई जवाब देने वाला नहीं है। सवारी वाहन …

बरेली, मोहित कुमार सिंह, अमृत विचार। महज कुछ रुपयों के लालच में निजी वाहन चालक लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। वहीं आरटीओ विभाग इस पर पूरी तरह से चुप्पी साधे बैठा है। ऐसे में किसी तरह का हादसा होने पर किसकी जिम्मेदारी होगी, इसका कोई जवाब देने वाला नहीं है।

सवारी वाहन के रूप में निजी वाहनों को अनुमति वाहनों की पूरी तरह से जांच के बाद दी जाती है लेकिन शहर की सड़कों पर बिना जांच के निजी वाहन सवारी ढोने का काम बेखौफ कर रहे हैं। आरटीओ द्वारा भी इस तरह के वाहनों पर कोई लगाम नहीं लगाई जा रही है। ऐसे वाहनों का जमावड़ा बरेली बदायूं मार्ग पर खूब रहता है। जिससे आये दिन जाम की स्थिति बनी रहती है।

सवारियों से बदायूं तक 50 रुपये का किराया वसूला जाता है। एक वाहन में करीब 12 से 15 सवारियों को ठूंसकर ले जाया जाता है। इसका ट्रैफिक कर्मी भी खूब फायदा उठा रहे हैं। गाड़ी के एक चक्कर पर 50 रुपये का रेट चल रहा है। कोई निजी वाहन चालक सवारियां ले जाना चाहता है तो न ही उसे ट्रैफिक पुलिसकर्मी रोकेगा और न ही आरटीओ की ओर से कोई कार्रवाई की जाएगी।

मुझे इस मामले की जानकारी नहीं है। अगर वैन वाले क्षमता से अधिक सवारियां लेकर जा रहे हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
-जेपी गुप्ता, एआरटीओ प्रवर्तन

अगर वैन में सवारी भरकर ले जा रहे हैं तो आरटीओ की जिम्मेदारी है कि वो नियमित जांच कर कार्रवाई करें। -राम मोहन सिंह, एसपी ट्रैफिक