बरेली: चार्जशीट दाखिल होने के 12 दिन में दुष्कर्म के आरोपी पुजारी को उम्रकैद

विधि संवाददाता, बरेली, अमृत विचार। नाबालिग दलित लड़की (14) से दुष्कर्म करने वाले गुलाबनगर निवासी पुजारी दिनेश चन्द्र मिश्रा (64) को स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट कोर्ट रामदयाल ने चार्जशीट मिलने के महज 12 दिनों के अंदर ही 14 गवाहों को परीक्षित करने के बाद सत्र परीक्षण में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी …

विधि संवाददाता, बरेली, अमृत विचार। नाबालिग दलित लड़की (14) से दुष्कर्म करने वाले गुलाबनगर निवासी पुजारी दिनेश चन्द्र मिश्रा (64) को स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट कोर्ट रामदयाल ने चार्जशीट मिलने के महज 12 दिनों के अंदर ही 14 गवाहों को परीक्षित करने के बाद सत्र परीक्षण में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी है। कोर्ट ने 115500 रुपये कुल अर्थदंड की सजा सुनाई। जुर्माने की आधी रकम पीड़िता को बतौर मुआवजा अदा की जायेगी।

सरकारी वकील रीतराम राजपूत व सुभव कुमार मिश्रा ने बताया कि जनपद में सबसे कम दिनों में पारित होने वाला यह पहला निर्णय है। पीड़िता की मौसी ने थाना किला में तहरीर देकर बताया था कि उसकी बहन की बेटी पिछले 8 वर्षों से मेरे साथ रह रही है। 26 अगस्त को जन्माष्टमी की झांकी देखने रात 9 बजे बाहर बाजार की तरफ जा रही थी। तभी रास्ते में पंडित दिनेश मिश्रा ने उसे अपने पास बुलाया और बहाने से अपने घर ले गया और वहां कमरा बंद करके लड़की के साथ गलत काम किया।

चिल्लाई तो मुंह बंद कर दिया और धमकी दी कि अगर घर में किसी को बताया तो मैं तुम्हे व तुम्हारे घर वालों को जान से मार दूंगा। पुलिस ने दुष्कर्म, एससी/एसटी एक्ट, पॉक्सो एक्ट की धाराओं में दिनेश के विरूद्ध केस दर्ज कर विवेचना के बाद आरोप पत्र कोर्ट भेजा था।

दुख भरी रही है पीड़िता के अतीत की कहानी
जिंदगी जीना भी कहा आसां होता है। इसकी बानगी पीड़िता के अतीत से मिलती है। पीड़िता के पिता की हत्या में उसकी मां जेल में सजा काट रही है। पीड़िता की मौसी ने अपने बयानों में बताया कि मेरे चार बेटी व दो बेटे हैं। मेरे पति की मृत्यु हो चुकी है। मैं सिलाई का काम करके परिवार का गुजारा कर रही हूं। पीड़िता के परिवार को पिछले 10 वर्षों से जानती हूं। उसके माता पिता मेरे पास कपड़ों की सिलाई कराने आते थे, पीड़िता रिश्ते में मुझे मौसी मानती थी। सगे रिश्तेदारो ने मां के जेल जाने के बाद उसको रखने से इंकार कर दिया था तो बीते 8 वर्षों से मेरे पास ही रह रही है। घटना वाले दिन बगैर बताये झांकी देखने चली गयी थी।

वहीं पीड़िता ने अपने बयान में बताया कि मोहल्ले मे रहने वाले पंडित जी जो कि पूजा पाठ करते रहते थे। उन्हाने मुझसे कहा प्रसाद ले लो। मैं घर के सामने खड़ी हो गयी तो उन्होंने कहा कि अंदर आकर ले लो जब मैं अंदर गयी तो दरवाजा बंद कर लिया। मैं रोयी तो कहा कि गला घोंटकर यहीं मार देंगे उन्होंने मेरे साथ दुष्कर्म किया।

अभियोजन की कड़ी मेहनत लायी रंग, पीड़िता को मिला त्वरित न्याय
पीड़िता को त्वरित न्याय दिलाने के लिए पीठासीन अधिकारी रामदयाल के साथ अभियोजन ने कड़ी मेहनत की। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुनीति कुमार पाठक के निर्देशन में एडीजीसी क्राइम रीतराम राजपूत, विशेष लोक अभियोजक सी पी गुप्ता, सुभव कुमार मिश्रा ने 12 कार्य दिवसो के अंदर ही 14 गवाहों को कोर्ट में परीक्षित कराया। जिस वजह से अदालत को दुष्कर्मी को सजा देने की राह साफ हो सकी।

इन गवाहों ने दुष्कर्मी के विरूद्ध कोर्ट में दी गवाही
अभियोजन की ओर से पीड़िता, वादिनी मौसी, स्कूल प्रिंसिपल, एसीएमओ हरपाल, हेड कांस्टेबल सत्यपाल सिंह, रेडियोलोजिस्ट डॉ राजकुमार, उपनिरीक्षक गरिमा जोशी, पूर्व विवेचक अरूण कुमार श्रीवास्तव, विवेचक आर के तिवारी, डॉ के के निर्मल, सीओ एपी सिंह समेत कुल 14 गवाहों को परीक्षण के दौरान कोर्ट में परीक्षित कराया गया।

वहीं किला पुलिस ने पॉक्सो एक्ट व एससी/एसटी एक्ट की गंभीर धाराओं में दुष्कर्मी के विरूद्ध केस दर्ज करने के बाद विवेचना में घटना से जुड़े साक्ष्यो को एकत्रित किया व अधिकतम गवाहों के बयान लिये थे ताकि दुष्कर्मी बच न सके। पुलिस की कसी हुई चार्जशीट से आरोपी को बचने का रास्ता नही मिला और अभियोजन को सजा दिलाने मे सफलता मिल सकी।

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