बरेली: निदेशक के आदेश पर हुई जांच, एंबुलेंस के रिकॉर्ड में गड़बड़ी

बरेली: निदेशक के आदेश पर हुई जांच, एंबुलेंस के रिकॉर्ड में गड़बड़ी

बरेली, अमृत विचार। बीते दिनों राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक ने भमोरा सीएचसी पर मरीजों की सेवा में लगी एंबुलेंस के सर्विस रिकॉर्ड की जांच के निर्देश सीएमओ को दिए थे। इस दौरान गड़बड़ी सामने आई। अब मामले में दोबारा ऑडिट करने को कहा है। जांच के दौरान मरीजों को मिली एंबुलेंस सर्विस का सत्यापन …

बरेली, अमृत विचार। बीते दिनों राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक ने भमोरा सीएचसी पर मरीजों की सेवा में लगी एंबुलेंस के सर्विस रिकॉर्ड की जांच के निर्देश सीएमओ को दिए थे। इस दौरान गड़बड़ी सामने आई। अब मामले में दोबारा ऑडिट करने को कहा है।

जांच के दौरान मरीजों को मिली एंबुलेंस सर्विस का सत्यापन कराया गया। सीएचसी पर मरीजों की संख्या से करीब दोगुना ट्रिप एंबुलेंस के रिकार्ड में मिले हैं। दोनों के आंकड़ों में काफी अंतर मिला है। जांच रिपोर्ट सीएमओ आफिस से मिशन निदेशक को भेज दी गई है। शासन के निर्देश पर एंबुलेंस सर्विस का सत्यापन भी करीब पूरा हो गया है और जल्द ही उसकी रिपोर्ट भी शासन को भेजी जाएगी।

निदेशक ने जारी किया था आदेश
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक ने 14 जून को पत्र भेजा था। जिले की भमोरा सीएचसी पर एंबुलेंस सर्विस का सत्यापन कर रिपोर्ट देने को कहा था। मिशन निदेशक ने अप्रैल 2021 और अप्रैल 2022 का रिकार्ड मांगा था। सीएमओ डा. बलवीर सिंह के निर्देश पर सीएचसी से सत्यापन कराया गया। इसमें एंबुलेंस के पीसीआर के ट्रिप की संख्या और अस्पताल के रिकार्ड में अंतर मिला। वहीं, दूसरी ओर, शासन के निर्देश पर एंबुलेंस सर्विस का फरवरी, मार्च और अप्रैल माह का आडिट हो रहा है और जल्द ही इसकी रिपोर्ट भी आ जाएगी।

जिला प्रभारी का तर्क
सरकारी एंबुलेंस संचालन के जिला प्रभारी सुमित का कहना है कि दोनों रिकार्ड में अंतर होता है। इसकी वजह है कि अस्पताल में सिर्फ उन मरीजों का ही रिकार्ड दर्ज होता है जो भर्ती होते हैं। ओपीडी में डाक्टर को दिखाकर घर जाने वाले मरीजों का सीएचसी व जिला अस्पताल में रिकार्ड दर्ज नहीं किया जाता है। कहीं कोई घोटाला नहीं हुआ है।

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