बरेली: बेटी से दो वर्ष तक दुष्कर्म करने वाले आरोपी पिता को 25 वर्ष कैद

बरेली: बेटी से दो वर्ष तक दुष्कर्म करने वाले आरोपी पिता को 25 वर्ष कैद

विधि संवाददाता, बरेली, अमृत विचार। कक्षा पांच में पढ़ने वाली 10 वर्षीया बेटी के साथ दो वर्ष तक दुष्कर्म करने वाले कलयुगी पिता सरवन निवासी सीबीगंज क्षेत्र को विशेष न्यायाधीश, पॉक्सो एक्ट कोर्ट रामदयाल ने 25 वर्ष की सजा सुनाई है। दुष्कर्मी पर 56 हजार रुपये का अर्थदण्ड भी लगाया है। सरकारी वकील रीतराम राजपूत …

विधि संवाददाता, बरेली, अमृत विचार। कक्षा पांच में पढ़ने वाली 10 वर्षीया बेटी के साथ दो वर्ष तक दुष्कर्म करने वाले कलयुगी पिता सरवन निवासी सीबीगंज क्षेत्र को विशेष न्यायाधीश, पॉक्सो एक्ट कोर्ट रामदयाल ने 25 वर्ष की सजा सुनाई है। दुष्कर्मी पर 56 हजार रुपये का अर्थदण्ड भी लगाया है।

सरकारी वकील रीतराम राजपूत ने बताया कि सरवन की पत्नी ने थाना सीबीगंज में तहरीर देकर बताया था कि सरवन शराबी किस्म का व्यक्ति है जो आये दिन घर में हम सभी परिवार वालों को मारता पीटता है। मेरी लड़की सीधी साधी है। 20 जून 2019 की सुबह मेरी छोटी लड़की ने मुझे बताया कि पापा ने रात में बड़ी बहन के साथ बुरा काम किया। जब मैने पीड़िता से इस बारे मे पूछा तो उसने रोते हुए बताया कि पापा उसके साथ काफी दिनों से जबरदस्ती बुरा काम करते हैं और धमकाते हैं कि किसी को कुछ बताया तो गला दबाकर मार देंगे। वह आरोपी कलयुगी पिता के विरुद्ध रिपोर्ट लिखाने आयीं हूं।

तहरीर पर पुलिस ने सरवन के विरुद्ध दुष्कर्म, पाक्सो एक्ट समेत गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज गिरफ्तार किया और कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया था। विवेचना के बाद आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया गया। अभियोजन की तरफ से सत्र परीक्षण के दौरान 10 गवाह अदालत में पेश किये गये थे।

10 गवाहों की हुई थी गवाही, मुकर गये थे परिवार के सभी लोग
सत्र परीक्षण के दौरान पीड़िता की मां, पीड़िता स्वयं, पीड़िता की छोटी बहन, आरोपी की मां, बहन व पिता, पीड़िता की स्कूल प्रधानाचार्या, उप निरीक्षक राज कुमार भारद्वाज, दो चिकित्सकों को अभियोजन ने कोर्ट में परीक्षित कराया था। आरोपी के परिवार के सभी गवाह कोर्ट में मुकर गये थे मगर पीड़िता के बयान व अभियोजन की कड़ी पैरवी, दलीलों व परिस्थिति जन्य साक्ष्य को आधार बनाते हुए कोर्ट ने आरोपी को कड़ी सजा सुनाई।

पीड़िता ने दिया था बयान- पिता कर रहे थे दो वर्ष से दुष्कर्म
पीड़िता ने अपने बयान में कहा था कि ‘मेरे पापा मेरे साथ दो साल से गलत काम कर रहे हैं। पहली बार गलत काम दो साल पहले मम्मी नानी के यहां गयी थी तब आधी रात को किया था, तब मैं बहुत रोयी थी। जब मम्मी आयीं तो उनको सामान लेने बाजार भेज दिया था। मम्मी को बताया था, दादी कह रही थीं कि फैसला कर लो।

पुलिस व डाक्टर के समक्ष भी पीड़िता ने यही बताया था कि मेरे पिता मेरे साथ लगभग दो साल से गलत संबंध बना रहा था, जब मेरी मां चली जाती थी और धमकी देते थे कि किसी को बताया तो बहुत मारूंगा। 20 जून 2019 की रात में मेरी छोटी बहन ने देख दिया और मां को बताया था तब मां ने रिपोर्ट लिखायी थी।

अभियोजन की कड़ी पैरवी पर मिला आरोपी को कठोर दण्ड
यूं तो आरोपी के परिवार वाले अपने बयानों से मुकर गये थे, मगर पीड़िता के बयानों व परिस्थितिजन्य साक्ष्य की कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए अदालत के समक्ष अभियोजन का पक्ष रखने के लिए एड़ीजीसी क्राइम रीतराम राजपूत, विशेष लोक अभियोजक सीपी गुप्ता, सुभव कुमार मिश्रा ने अपराध में आरोपी को दण्ड दिलाने के लिए कड़ी पैरवी करते हुए कोर्ट में पक्ष रखा।

बताया कि अपराधी ने अपनी 10 वर्षीया सगी अवयस्क बेटी के साथ जबरन उसकी इच्छा के विरुद्ध बार-बार दुष्कर्म जैसा घृणित अपराध किया है। मना करने पर उसके साथ मारपीट व किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी गयी। जोकि मानव गरिमा व समाज के विरुद्ध है। कठोर से कठोर दण्ड की याचना की गयी थी।

सजा मिली मगर आरोपी पिता को नहीं पछतावा
सगी नाबालिग बेटी से दुष्कर्म जैसे जघन्यतम अपराध पर अदालत से सजा मिलने के बाद भी अपराधी सरवन को कोई अफसोस व रंज नहीं था। वह इस बात पर संतुष्ट था कि उसके परिवार के सभी गवाह अदालत में अपने बयान से मुकर चुके हैं। बोला कि मेरी पत्नी ने रिपोर्ट लिखायी थी उसने भी अपनी गवाही में बेटी से दुष्कर्म की बात नहीं कही। अदालत की सजा के विरुद्ध हाईकोर्ट में अपील करवाऊंगा।