बरेली: मंहगाई की मार, गृहस्थी चलाना हो रहा दुश्वार

बरेली: मंहगाई की मार, गृहस्थी चलाना हो रहा दुश्वार

बरेली, अमृत विचार। पहले कोरोना काल में तमाम दुश्वारियों के बीच महंगाई ने सितम ढहाया। अब त्योहारी सीजन में पेट्रोल डीजल की लगातार बढ़ोतरी से लोगों को संकोच होने लगा है। एक महीने में सरसों का तेल 40 रुपये प्रति लीटर तक महंगा हो गया है। फल-सब्जियों निर्माण सामग्री और दूसरी वस्तुएं भी काफी हद …

बरेली, अमृत विचार। पहले कोरोना काल में तमाम दुश्वारियों के बीच महंगाई ने सितम ढहाया। अब त्योहारी सीजन में पेट्रोल डीजल की लगातार बढ़ोतरी से लोगों को संकोच होने लगा है। एक महीने में सरसों का तेल 40 रुपये प्रति लीटर तक महंगा हो गया है। फल-सब्जियों निर्माण सामग्री और दूसरी वस्तुएं भी काफी हद तक महंगी हो गई हैं।

आमदनी का बड़ा हिस्सा रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने में खर्च हो जा रहा है। हर महीने दो हजार रुपये का आने वाला राशन अब 2500 रुपये तक में पड़ रहा है। रसोई गैस की कीमतें भी आसमान छू रही हैं। पेट्रोल के दाम बढ़ने से नौकरीपेशा लोगों की जेब ढीली हो रही है। डीजल के दाम में वृद्धि होने के कारण माल भाड़ा भी बढ़ गया है। किसान खेतों की जुताई और फसलों की सिंचाई में खर्च बढ़ने से चिंतित हैं।

इनकी सुनें-

खेती पर भी पड़ रहा असर
भाकियू जिलाध्यक्ष गजेंद्र सिंह का कहना है पेट्रोल डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का असर खेती पर भी पड़ता है। बिजली आपूर्ति में कमी से जनरेटर चलाना पड़ता है। इस कारण फसल के खर्चे में बढ़ोतरी होती है।

कार में जाने से पहले सौ बार सोचतें
कृष्णा इंक्लेव निवासी प्रवीन कहते हैं तेल कंपनियां आए दिन कीमतों में वृद्धि कर देती हैं। केंद्र सरकार पैट्रोलियम कंपनियों के आगे घुटने टेक चुकी है। यही हाल रहा तो कारें एक दिन लोगों के घरों की शोभा बनकर रह जाएंगी।

महंगाई से जनता बेहाल
व्यापारी नेता सुधीश पांडेय का कहना है महंगाई से देश की जनता पहले ही बेहाल है तो दूसरी ओर, पेट्रोल व डीजल की कीमतों में वृद्धि से मालभाड़े में इजाफा होता जा रहा है जिसका असर बाजार व जरूरत की चीजों पर पड़ता है।

जीएसटी में शामिल हो पेट्रोल-डीजल
जीएसटी विशेषज्ञ राजेन विद्यार्थी वास्तविक मूल्य से अधिक टैक्स वसूला जा रहा है। इसलिए पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ते जा रहे हैं। सरकार इसे जीएसटी में शामिल करे तभी पेट्रोल-डीजल के दाम में नियंत्रण किया जा सकेगा।

अभी और बढ़ेगी महंगाई
उद्यमी आरपी आर्य का कहना है कि त्योहारी सीजन में महंगाई से निपटना बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। तेल के दाम बढ़ने से अन्य वस्तुओं के दाम भी प्रभावित होते हैं। जिससे महंगाई और बढ़ने की आशंका हो चली है।

सरकार महंगाई को नियंत्रण में लाए
गृहणी मालती ने कहा सिलेंडर, तेल आदि रसोई सामानों के दाम आसमान छू रहे हैं। ऐसे में त्योहारी सीजन जेब पर बोझ जैसा लग रहा है। महंगाई पर नियंत्रण जरूरी है। इससे खासकर मध्यम वर्ग ज्यादा परेशान है।

खरीदारी हो रही मुश्किल
गृहणी यशोदा देवी ने कहा कि गृहस्थी के बढ़ते खर्चों के कारण दशहरा पर्व जैसे महत्वपूर्ण पर्व में अतिरिक्त खरीदारी मुश्किल हो रही है। महंगाई पर सरकार को अंकुश लगाना चाहिए ताकि हर तबका जी सके।

यू बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम

माह                पेट्रोल                         डीजल                        रसोई गैस

जनवरी             83.66                          74.88                         756.50
फरवरी              85.66                         76.93                         831.50
मार्च                   89.37                         81.92                        881.50
अप्रैल                 88.92                          81.32                        871.50
मई                    88.77                          82.19                         871.50
जून                   81.81                           85.86                          871.50
जुलाई                 96.08                          89.64                          897.50
अगस्त                98.74                          90.34                          922.00
सितंबर               98.93                           90.44                         947.00
अक्टूबर             101.35                         93.67                         962.00

सरसों और रिफांइड का भाव

12 सिंतबर :
सरसों को तेल-150 रुपये प्रति लीटर
रिफांइड-130 रुपये प्रति लीटर

13 अक्टूबर
सरसों का तेल-190 रुपये प्रति लीटर
रिफांइड-165 रुपये प्रति लीटर