बरेली ने गेहूं खरीद में तोड़ा रिकार्ड, मंडल को प्रदेश में मिला पहला स्थान

बरेली ने गेहूं खरीद में तोड़ा रिकार्ड, मंडल को प्रदेश में मिला पहला स्थान

बरेली, अमृत विचार। अव्यवस्थाओं, विवादों और प्रशासन की सख्त कार्रवाई के बीच गेहूं खरीद को दो महीना पूरा हो गया। इस बार गेहूं खरीद के लिए शासन ने प्रदेश के किसी भी जिले को लक्ष्य आवंटित नहीं किया। मगर, बीते साल की अपेक्षा इस बार तीन गुना खरीद होने पर बरेली मंडल प्रदेश में पहले …

बरेली, अमृत विचार। अव्यवस्थाओं, विवादों और प्रशासन की सख्त कार्रवाई के बीच गेहूं खरीद को दो महीना पूरा हो गया। इस बार गेहूं खरीद के लिए शासन ने प्रदेश के किसी भी जिले को लक्ष्य आवंटित नहीं किया। मगर, बीते साल की अपेक्षा इस बार तीन गुना खरीद होने पर बरेली मंडल प्रदेश में पहले स्थान पर है। अफसर इसे शुभ संकेत के तौर पर देख रहे हैं। वहीं इसे प्रशासन की सख्ती का भी असर माना जा रहा है।

मंडल में एक अप्रैल से गेहूं खरीद के लिए 548 क्रय केंद्र बनाकर शुरू की गई थी। बीते साल बिचौलिये खासा हावी रहे थे। मगर इस बार डीएम, आरएफसी, आरएमओ ने खरीद को प्राथमिकता पर लिया और खुद कमान संभाली। बीच-बीच में औचक निरीक्षण के लिए अफसर मंडी समिति पहुंचे और अव्यवस्था मिलने पर अफसरों की कड़ी फटकार भी लगाई थी। किसान के गेहूं को कम दाम पर खरीदने के बाद सरकारी खरीद में दर्शाने वाले बिचौलियों पर भी शिकंजा कसा। लक्ष्य पूरा न करने वाले केंद्र प्रभारियों पर कार्रवाई कराई गई। इसका नतीजा भी दिखाई दिया है। मंडल में 1.74 लाख किसानों से 637829.79 एमटी (मीट्रिक टन) गेहूं अब तक खरीदा जा चुका है।

विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो अभी तक मंडल में शाहजहांपुर जिला सबसे अधिक खरीद के साथ पहले स्थान पर है। 36, 323 किसानों से 239771.16 एमटी गेहूं खरीद कर शाहजहांपुर पहले तो 31,514 किसानों से 184199.37 एमटी गेहूं खरीद करने के साथ पीलीभीत दूसरे स्थान व 23025 किसानों से 124141.67 एमटी गेहूं खरीद करके बरेली तीसरे स्थान पर है। बदायूं जिला खरीद में पिछड़ गया है। मात्र 16,598 किसानों से 89717.60 एमटी गेहूं खरीद की हैं।

आरएमओ राममूर्ति वर्मा ने बताया मंडल में इस बार केंद्र प्रभारियों पर सख्ती की गई। किसानों का प्राथमिकता के आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद गया। किसानों को निराश होकर केंद्रों से नहीं लौटना पड़ा। इसलिए इस बार गेहूं खरीद रिकार्ड तोड़ रही है। भुगतान को लेकर भी सभी डिप्टी आरएमओ को 72 घंटे के भीतर किसानों का भुगतान कराने के निर्देश दिए गए हैं।