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बरेली: दिवाली पर फूटे खुशियों के बम, पूजे गए लक्ष्मी-गणेश

बरेली: दिवाली पर फूटे खुशियों के बम, पूजे गए लक्ष्मी-गणेश

बरेली, अमृत विचार। जिले भर में दिवाली का पर्व गुरुवार को उत्साह एवं पूरे जोशोखरोश के साथ मनाया गया। एक ओर आस्था के दीपों से घर-आंगन जगमग रहे। वहीं, शहर के प्रमुख बाजारों में दुकान, प्रतिष्ठानों, मकान आदि को खूबसूरत झालरों से सजाया गया। पर्व की बधाई देने का सिलिसला सुबह से देर तक चलता …

बरेली, अमृत विचार। जिले भर में दिवाली का पर्व गुरुवार को उत्साह एवं पूरे जोशोखरोश के साथ मनाया गया। एक ओर आस्था के दीपों से घर-आंगन जगमग रहे। वहीं, शहर के प्रमुख बाजारों में दुकान, प्रतिष्ठानों, मकान आदि को खूबसूरत झालरों से सजाया गया। पर्व की बधाई देने का सिलिसला सुबह से देर तक चलता रहा। परंपरा के अनुसार घर और प्रतिष्ठानों में लक्ष्मी-गणेश का पूजन हुआ। सुख समृद्धि की कामना की गई। इसके बाद बच्चों ने पटाखे भी दगाए।

कार्तिक मास की अमावस्या यानी दिवाली को लेकर सभी उत्साहित रहते हैं। गुरुवार को भी सुबह से ही पर्व के प्रति लोगों का उत्साह चरम पर था। घरों व बाजारों को जहां दुल्हन की तरह सजाया गया था, वहीं लोगों ने अपने प्रतिष्ठानों में भी खूब साजसज्जा की। दिनभर की साफ-सफाई के बाद शाम ढलते ही शुभ मुहूर्त में घरों और प्रतिष्ठानों में समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी और भगवान गणेश का विधि-विधान से पूजन-अर्चना की। इसके बाद मंदिर भी गए।

पटाखों की गूंज तो दोपहर से ही सुनाई देने लगी थी, लेकिन शाम को पूजन के बाद इसमें और तेजी आ गई। घरों के साथ ही व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को भी बिजली की रंग-बिरंगी झालरों से सजाया गया था। व्यावसायिक स्थलों में सुबह से देर रात तक पूजा-पाठ चला। आतिशबाजी की दुकानों पर देर रात तक मेला लगा रहा। घर-घर एवं गली-कूचों में हर वर्ग के लोगों ने आतिशबाजी का लुत्फ उठाया। यह सिलसिला आधी रात तक चलता रहा। पटाखों, बमों और आसमान में जाकर फटने वाले राकेटों की आवाजें मोहल्लों में रातभर गूंजती रही।

खूब बिकीं फूल-माला, दिखा महंगाई का असर
पूजन कार्य में फूलों का विशेष महत्व होता है। ऐसे में दिवाली के दिन फूलों का बाजार गर्म रहा। कमल के फूल 30 से लेकर 50 रुपये के बीच बिके। गेंदा के फूलों की माला 50 से 70 रुपये के बीच बिकी। घरों को सजाने के लिए बनावटी फूलों और सजावट की दुकानों पर भी भीड़ दिखी। दिवाली पर फूलों और रंगोली से घर की सजावट मनमोहक रही। रंगोली सजाने में लोगों ने तरह-तरह के प्रयोग किए। कुछ ने रंग-बिरंगे फूलों से अपनी चौखट को सजाया तो कुछ ने रंगोली के माध्यम से मां लक्ष्मी और गणेश की आकृति बनाई।

एक दिन पहले ही सज गए थे प्रतिष्ठान
लक्ष्मी पूजन के लिए एक दिन पूर्व से ही घर व प्रतिष्ठानों की सजावट होने लगी थी। गुरुवार सुबह भी संचालकों ने अपने-अपने प्रतिष्ठान व दुकान पर फूलों की मालाएं सजाई। आम के पत्तों के साथ प्रसाद के लिए खिल-बताशे की भी बिक्री खूब हुई। शहामतगंज, कुतुबखाना, कोहाड़ापीर, डेलापीर आदि स्थानों पर सजी दुकानों से लक्ष्मी पूजन के लिए झाडू व मिट्टी से निर्मित मां लक्ष्मी की मूर्तियां भी लोगों ने जमकर खरीदी। मिठाई की दुकानों पर भी ग्राहकों की आवाजाही देर रात तक बनी रही।

मिट्टी व तार से बने लक्ष्मी-गणेश की रही मांग
घरों व प्रतिष्ठानों में पूजा-पाठ के लिए इस बार स्थानीय कारीगरों द्वारा बनाई जाने वाली मिट्टी की लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमाओं की मांग अधिक रही। बाजार में प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों की बिक्री जमकर हुई। शहर के पीलीभीत रोड, मिनी बाइपास, चौपुला रोड, साहू गोपीनाथ, बानखाना आदि स्थानों पर पिछले कई दिनों से इन मूर्तियों की बनाने का कार्य चल रहा था।

सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस भी रही सतर्क
दिवाली पर जिले में पुलिस की ओर से भी विशेष सतर्कता बरती गई। थानावार सभी पुलिस कर्मी अपने-अपने क्षेत्र में पेट्रोलिंग करते रहे। इसके अलावा सभी क्षेत्राधिकारियों ने भी क्षेत्र में भ्रमण किया। एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि जिले में सीमावर्ती क्षेत्र से लेकर सभी स्थानों पर पुलिस सतर्क है। प्रत्येक हलचल पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

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