बरेली: त्रिवटीनाथ मंदिर में 60 फीट ऊंची भगवान भोलेबाबा की मूर्ती बनी आस्था का केंद्र

बरेली: त्रिवटीनाथ मंदिर में 60 फीट ऊंची भगवान भोलेबाबा की मूर्ती बनी आस्था का केंद्र

बरेली। प्रेमनगर स्थित प्राचीन त्रवटीनाथ मंदिर में पूरे विधी-विधान एवं अस्था के साथ भगवान भोलेनाथ की 60 फीट ऊंची मूर्ती स्थापित की गई । मंदिर में भोलेनाथ की प्रतिमा देखने के लिए लोगो का तांता लगा रहा। ये प्रतिमा लोगो के बीच आस्था और आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। मंदिर में भोलेनाथ की ये …

बरेली। प्रेमनगर स्थित प्राचीन त्रवटीनाथ मंदिर में पूरे विधी-विधान एवं अस्था के साथ भगवान भोलेनाथ की 60 फीट ऊंची मूर्ती स्थापित की गई । मंदिर में भोलेनाथ की प्रतिमा देखने के लिए लोगो का तांता लगा रहा। ये प्रतिमा लोगो के बीच आस्था और आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।

मंदिर में भोलेनाथ की ये प्रतिमा स्थापित करने की योजना काफी लंबे समय से बनाई जा रही थी जो की अब सफल हुई है। आपको बता दें की श्री त्रिवटी नाथ मंदिर का इतिहास भी काफी पुराना है। जिसके बारे में तमाम तरह के मिथ्य है। जिसमें से एक मिथ्य यह भी कि जिस स्थान पर त्रिवटी नाथ मंदिर है, वहां पर सैकड़ों वर्ष पहले जंगल हुआ करता था।

दूर-दूर तक इंसान नजर नहीं आते थे। यहां पर केवल वन्य जीव ही रहते थे। हालांकि आस-पास के लोग यहां पर अपने जानवरों को चराने आया करते थे। बताया जाता है कि वर्ष 1474 में एक चरवाहा दोपहर के वक्त वहां अपने जानवर चराते हुए पहुंचा। उसी जंगल में वह थक कर सो गया। सोते वक्त उसे भगवान शंकर ने सपना दिया।

कहा कि यहां तीन वट वृक्ष के बीच में उनका शिवलिंग है। चरवाहा उठा तो उसने वहां पर खुदाई कराई जहां उसे एक शिवलिंग मिला। इसके बाद आसपास के लोगों को जब सूचना मिली तो लोग वहां पर जलाभिषेक करने लगे और उस दिन के बाद वह जगह एक आस्था से जुड़ गई।

तीन वट वृक्षों के बीच शिवलिंग निकलने से उसका नाम त्रिवटी रख दिया गया। इसके अलावा वहां पर बड़ा टीला भी था। उस स्थान को पांचाल प्रदेश कहा जाता था तो टीले की वजह से उसका टीबरी नाम रख दिया गया। खास बात तो ये है की बरेली को पहले ही नाथनगरी के नाम से जाना जाता है क्योंकि शहर की हर दिशा में शिव जी का मंदिर है।

बरेली में स्थित शिव मंदिरों के नाम और दिशा

  • धोपेश्वरनाथ- यह मंदिर बरेली के पूर्व दक्षिण अग्निकोण में स्थित है।
  • अलखनाथ- ये मंदिर वायव्य कोण पर किला इलाके में स्थित है।
  • त्रिवटीनाथ- ये मंदिर नगर की उत्तर दिशा में स्थित है।
  • मढ़ीनाथ- ये मंदिर नगर की पश्चिम दिशा में बना हुआ है।
  • तपेश्वर नाथ- ये मंदिर शहर के दक्षिण दिशा में सुभाषनगर में स्थित है।
  • वनखंडीनाथ- ये मंदिर जिले के जोगीनवादा इलाके में पूरब दिशा में बना हुआ है।
  • पशुपतिनाथ मंदिर- ये मंदिर बरेली के बीसलपुर चौराहा पर स्थित है।
    कहा जाता है कि हर दिशा में मौजूद ये प्राचीन शिव मंदिर प्राकृतिक आपदाओं और अन्य विपत्तियों से शहर की रक्षा करते हैं।

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