रामपुर: कर्बला में छुरियों के मातम से अजादार लहूलुहान

रामपुर: कर्बला में छुरियों के मातम से अजादार लहूलुहान

रामपुर, अमृत विचार। नवासा ए रसूल हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों के चेहलुम पर आगापुर स्थित कर्बला में अजादारों ने छुरियों का मातम कर खुद को लहूलुहान कर लिया। शहीदाने कर्बला के चेहलुम पर पूरे दिन मजलिस-मातम का सिलसिला चलता रहा। इसके बाद अपराह्न में इमामबाड़ा किला में मौलाना अस्करी खां ने मजलिस …

रामपुर, अमृत विचार। नवासा ए रसूल हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों के चेहलुम पर आगापुर स्थित कर्बला में अजादारों ने छुरियों का मातम कर खुद को लहूलुहान कर लिया। शहीदाने कर्बला के चेहलुम पर पूरे दिन मजलिस-मातम का सिलसिला चलता रहा। इसके बाद अपराह्न में इमामबाड़ा किला में मौलाना अस्करी खां ने मजलिस को खिताब किया। इसके बाद इमामबाड़ा जनाना किला में मौलाना मुजफ्फरनगर से आए मौलाना रजा हैदर ने मजलिस को खिताब किया। इस दौरान भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात रहा।

आगापुर स्थित कर्बला में अलम बरामद हुआ इस दौरान अजादारों ने छुरियों का मातम किया। इससे पहले असलम महमूद, इफ्तेखार महमूद ने यह नोहा पढ़ा- लुटी हुई सी है बीबियां कुछ- के जिनका सरदार नातवां हैं यह काफिला तो हुसैन का है-हुसैन इनमें मगर कहां हैं। इसके बाद जंजीर का मातम हुआ और यह खमसा पढ़ा गया- रिसाले फौज के घोड़ों को जब दौड़ा के आते हैं-हरम घबराके अब्बास ए दिलावर को बुलाते हैं।

अदावत से लईं जब तीर खेमों पर लगाते हैं-अली असगर कमानों की तड़क से सहमे जाते हैं। वह क्या जाने के नावक जंग में क्योंकर बरसते हैं। इसके बाद छुरियों का मातम हुआ और पक्की कर्बला में अलम पहुंचा और अलविदाई नोहा हुआ- कहती थीं शह की बहन अलविदा ऐ बेतन- ऐ मेरे तशना दहन अलविदा ऐ बेतन।

कर्बला में जुलूस के दौरान डा. अजीम नकवी, आदिल हसनैन, कामिल नकवी, वसीम मियां, शहजादा गुलरेज, मंसूर मियां, सरफराज मियां, शहाब हुसैन, मुज्तबा अली बेग, तकी बेग समेत काफी तादाद में लोग मौजूद रहे। इसके बाद इमामबाड़ा किला में अंजुमन सिपाहे हुसैनी के तत्वावधान में अलम, गहवारा ए अली असगर और ताबूत बरामद हुआ। इसके बाद राशिद हिलाल, शान जैदी, बिट्टन जैदी ने अलविदाई नोहा पढ़ा। इस मौके पर वसीम हैदर जैदी, नसीम जैदी, सैयद मोहम्मद अली जैदी, मुन्ने मियां समेत काफी तादाद में अजादार मौजूद रहे। इस दौरान भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात रहा।

चेहलुम पर खौद क्षेत्र में नहीं निकला ताजियों का जुलूस
सैदनगर।शहीदाने कर्बला के चेहलुम पर खौद क्षेत्र में ताजियों का जुलूस नहीं निकला। अलबत्ता, इमामबाड़ों में ताजियों पर शीरनी चढ़ाए जाने और सबीलें लगाई गईं। इमामबाड़ों में शहादतनामे और मर्सिए पढ़े गए। इमाबाड़ा खौद, हकीमगंज, सींगनखेड़ा, मिलक बहादुर गंज, काशीपुर आंगा में ताजिए रखे रहे। कोरोना के कारण ताजियों के जुलूस नहीं निकाले गए।

इससे पहले खौद, हकीमगंज, सींगनखेड़ा, मिलक बहादुर गंज से ताजियों के जुलूस काशीपुर स्थित कर्बला पहुंचते थे। लेकिन, इस साल भी कोरोना के कारण ताजियों के जुलूस नहीं निकाले गए। ताजियों को सजाकर इमामबाड़ों में ही रखा गया और नजरों नियाज का सिलसिला चलता रहा। जगह-जगह शर्बत, ठंडे पानी की सबीलें लगाई गईं। इस मौके पर मुन्ने शाह मियां, मौलाना अब्दुल हक, चांद अली, मकसूद लल्ला, कलवा ठेकेदार, मुजीब उल हक, मुसब्बिर अली, अताबुल हक, आसिफ अली, मुकाशिफ अली, हिदायत अली, जाहिद अली समेत काफी तादाद में अकीदतमंद इमामबाड़ों में मौजूद रहे। इस दौरान भारी मात्रा में पुलिस और पीएसी तैनात रही।