600 ईपू भारत में हुआ था आयुर्वेद का विकास, जानें इतिहास

600 ईपू भारत में हुआ था आयुर्वेद का विकास, जानें इतिहास

सबसे प्राचीन ज्ञान, विज्ञान और आविष्कार : ज्ञात रूप से आयुर्वेद सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति है। चरक ने 2,500 वर्ष पहले आयुर्वेद को प्रचलन में लाया था। आयुर्वेद का विकास 600 ईपू भारत में हुआ। इसी से बाद में यूनानी, प्राकृतिक आदि चिकित्सा का आविष्कार हुआ। सुश्रुत को शल्‍य चिकित्‍सा का जनक माना जाता है। लगभग …

सबसे प्राचीन ज्ञान, विज्ञान और आविष्कार : ज्ञात रूप से आयुर्वेद सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति है। चरक ने 2,500 वर्ष पहले आयुर्वेद को प्रचलन में लाया था। आयुर्वेद का विकास 600 ईपू भारत में हुआ। इसी से बाद में यूनानी, प्राकृतिक आदि चिकित्सा का आविष्कार हुआ। सुश्रुत को शल्‍य चिकित्‍सा का जनक माना जाता है। लगभग 2,600 वर्ष पहले सुश्रुत और उनके सहयोगियों ने मोतियाबिंद, कृत्रिम अंगों को लगाना, शल्‍यक्रिया द्वारा प्रसव, अस्थिभंग जोड़ना, मूत्राशय की पथरी, प्‍लास्टिक सर्जरी और मस्तिष्‍क की शल्‍य क्रियाएं आदि कीं।
इसके अलावा दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा संस्कृत का व्याकरण पाणिनि ने 200 ईसा पूर्व लिखा था। भारतीय गणितज्ञ बुधायन द्वारा ‘पाई’ का मूल्‍य ज्ञात किया गया था और उन्‍होंने जिस संकल्‍पना को समझाया, उसे ‘पाइथागोरस का प्रमेय’ कहते हैं। उन्‍होंने इसकी खोज 6ठी शताब्‍दी में की, जो यूरोपीय गणितज्ञों से काफी पहले की गई थी।
बीजगणित, त्रिकोणमिति और कलन का उद्भव भी भारत में हुआ था। चतुष्‍पद समीकरण का उपयोग 11वीं शताब्‍दी में श्रीधराचार्य द्वारा किया गया था। ग्रीक तथा रोमनों द्वारा उपयोग की गई सबसे बड़ी संख्‍या 106 थी जबकि हिन्‍दुओं ने 10*53 जितने बड़े अंकों का उपयोग (अर्थात 10 की घात 53) के साथ विशिष्‍ट नाम 5000 बीसी के दौरान किया। आज भी उपयोग की जाने वाली सबसे बड़ी संख्‍या ‘टेरा’ 10*12 (10 की घात 12) है। इसी तरह अन्य कई ज्ञान, विज्ञान और खगोल की बातें सबसे पहले प्राचीन भारत में ही जन्मीं।
भास्‍कराचार्य ने खगोलशास्‍त्र के कोई 100 साल पहले पृथ्‍वी द्वारा सूर्य के चारों ओर चक्‍कर लगाने में लगने वाले सही समय की गणना की थी। उनकी गणना के अनुसार सूर्य की परिक्रमा में पृथ्‍वी को 365.258756484 दिन का समय लगता है। नौवहन की कला और नौवहन का जन्‍म 6,000 वर्ष पहले सिन्ध नदी में हुआ था। दुनिया का सबसे पहला नौवहन संस्‍कृ‍त शब्‍द ‘नवगति’ से उत्‍पन्‍न हुआ है। शब्‍द ‘नौसेना’ भी संस्‍कृत शब्‍द ‘नोउ’ से हुआ। इसी तरह ईसा पूर्व भारद्वाज ऋषि द्वारा लिखा गया ‘विमानशास्त्र’ भी इस बात का गवाह है कि भारत विमान की तकनीक भी जानता था।