अयोध्या: परिवहन विभाग के पत्र से खुलासा, फिटनेस पर भी उठे सवाल

अयोध्या: परिवहन विभाग के पत्र से खुलासा, फिटनेस पर भी उठे सवाल

अयोध्या। पर्यावरण की अलख जगाने की जिम्मेदारी निभाने वाले सरकारी विभाग ही गंभीर नहीं हैं। उनके खुद के वाहन ही जिले भर में फर्राटा भरकर प्रदूषण फैला रहे हैं। यह हाल तब है जब यही सरकारी विभाग प्रदूषण को लेकर कार्रवाई की बीन बजाते नजर आते हैं। सम्भागीय परिवहन विभाग की ओर से जारी एक …

अयोध्या। पर्यावरण की अलख जगाने की जिम्मेदारी निभाने वाले सरकारी विभाग ही गंभीर नहीं हैं। उनके खुद के वाहन ही जिले भर में फर्राटा भरकर प्रदूषण फैला रहे हैं। यह हाल तब है जब यही सरकारी विभाग प्रदूषण को लेकर कार्रवाई की बीन बजाते नजर आते हैं।

सम्भागीय परिवहन विभाग की ओर से जारी एक पत्र से खुलासा हुआ है कि जिले में कुल 360 सरकारी वाहन ऐसे हैं जिन्होंने आज तक प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र तक नहीं प्राप्त किया है। इनमें से अधिकतर सरकारी वाहन जिले के बड़े अफसरों के पास हैं। इसे लेकर शासन तब जागा जब विधानसभा के पहले सत्र में सरकारी वाहनों के प्रदूषण और फिटनेस प्रमाणपत्र को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई का मामला उठा था। इसके बाद जब शासन ने फटकार लगाई तो इसकी पड़ताल हुई।

जिसमें 360 सरकारी वाहन बिना प्रदूषण प्रमाणपत्र के मिले। अब सम्भागीय परिवहन विभाग ने डीएम के आदेश पर शासकीय वाहनों को प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र से आच्छादित करवाने के निर्देश दिए गए हैं।

क्या कहती है विभाग की नियमावली

विभाग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार केन्द्रीय मोटरयान नियमावली 1989 के नियम- 115 में निर्धारित उत्सर्जन मानकों का उल्लंघन करने वाले ऐसे वाहनों के विरूद्ध मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा-190 (2) के अन्तर्गत चालान की कार्यवाही किये जाने का प्रावधान भी है। इसके अलावा 10,000/- शमन शुल्क भी निर्धारित है।

विभाग ने ऐसे वाहनों के विभागों के अधिकारियों को पत्र भी लिखा है। यह भी कहा गया है कि चूंकि प्रकरण विधानसभा से सम्बन्धित एवं संवेदनशील है। अत: अपने अधीनस्थ समस्त शासकीय वाहनों को अविलम्ब प्रदूषण मुक्त प्रमाण पत्र प्राप्त करने और जो वाहन 7 सीट के ऊपर हैं उनकी यथाशीघ्र फिटनेस करवाते हुए फिटनेस सर्टिफिकेट प्राप्त हासिल कर लें।

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