बरेली: मंडल में कारोबार 35 करोड़ का, टैक्स मिल रहा सिर्फ 15 लाख

बरेली: मंडल में कारोबार 35 करोड़ का, टैक्स मिल रहा सिर्फ 15 लाख

बरेली, अमृत विचार। शासन भले ही सख्ती का दावा करे लेकिन गुटखे की कालाबाजारी जारी है। मंडल के चारों जिलों में हर महीने करीब 35 करोड़ रुपये के गुटखे का कारोबार होता है। इस पर 28 प्रतिशत जीएसटी है। इस हिसाब से करीब दस करोड़ का टैक्स मिलना चाहिए, लेकिन पंद्रह लाख के करीब ही …

बरेली, अमृत विचार। शासन भले ही सख्ती का दावा करे लेकिन गुटखे की कालाबाजारी जारी है। मंडल के चारों जिलों में हर महीने करीब 35 करोड़ रुपये के गुटखे का कारोबार होता है। इस पर 28 प्रतिशत जीएसटी है। इस हिसाब से करीब दस करोड़ का टैक्स मिलना चाहिए, लेकिन पंद्रह लाख के करीब ही विभाग को टैक्स मिल रहा है। इससे व्यापारी टैक्स चोरी कर मालामाल और सचल दल नाकाम साबित हो रहा है।

पिछले दिनों टैक्स चोरी व कालाबाजारी की आशंका पर मेरठ से आई टीम ने राजेंद्र नगर स्थित गगन गुटखा के बड़े डिस्ट्रीब्यूटर के यहां छापा मारा था लेकिन इसका असर नहीं दिख रहा। तमाम कोशिशों के बाद भी विभाग गुटखे की कालाबाजारी पर रोकने में नाकाम है। बरेली, पीलीभीत, बदायूं, शाहजहांपुर की बात करें तो करीब पचास हजार गुटखा व्यापारी पंजीकृत हैं। इनमें अधिकांश गुटखा उत्पादन कंपनियों के साथ मिलीभगत कर प्रतिमाह करोड़ों रुपये का गुटखा बिना टैक्स दिए बेच रहे हैं।

मंडल जिलों में गुटखा कानपुर समेत कई स्थानों से आता है। व्यापारी एक ही बिल पर तीन से चार बार माल मंगा लेते हैं। इसे देखते हुए विभाग ने योजना बनाई थी कि गुटखा लाने वाली प्रत्येक गाड़ी के प्रपत्र चेक किए जाएंगे, ताकि सही तस्वीर सामने आ सके। एक योजना यह बनी थी कि पंजीकृत व्यापारियों को सूचीबद्ध किया जाएगा ताकि पता चल सके कि वह कितना टैक्स जमा कर रहे हैं मगर यह योजना भी ठंडे बस्ते में चली गई।

एडिशनल कमिश्नर ग्रेड वन मुक्तिनाथ वर्मा ने बताया कि कोई सटीक सूचना मिलती है तो कार्रवाई तुरंत की जाती है। गुटखा व्यापारियों द्वारा मंगाए जा रहे माल से संबंधित बिलों को चेक करने के लिए सभी सचल दलों को निर्देशित पूर्व में ही किया जा चुका है।

कंट्रोल रूम से नहीं हो पा रही निगरानी
वाणिज्य कर मुख्यालय के आदेश पर वाणिज्य कर कार्यालय में कंट्रोल रूम की स्थापना की गई थी। इसका उद्देश्य सड़क पर रहने वाले प्रत्येक सचल दल की निगरानी के अलावा टैक्स चोरी के संबंध में आने वाली सूचनाओं का तुरंत आदान-प्रदान करना है। इसके अलावा व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों, ट्रक चालकों को भी कंट्रोल रूम के जरिए चौबीस घंटे सुविधा दिलाई जानी है। लेकिन, कोरोना काल के बाद से न तो कंट्रोल रूम खुल पा रहा और न सचल दलों की निगरानी हो ही है और तो और रजिस्टर में भी सूचनाएं दर्ज नहीं हो पा रही हैं।

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