बरेली: तम्बाकू, सिगरेट व अन्य मादक पदार्थों का सेवन न करें
बरेली, अमृत विचार। रोहिलखंड मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल की ओर से 8वीं वाहिनी पीएसी सभागार में नि:शुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में पहुंचे विशेषज्ञ चिकित्सकों ने कोरोना के दुष्प्रभाव से सुरक्षित रहने के उपाय सुझाए और सतर्क रहने की अपील की। चिकित्सकों ने कैंसर जैसी घातक बीमारी के बढ़ने पर भी चिंता …
बरेली, अमृत विचार। रोहिलखंड मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल की ओर से 8वीं वाहिनी पीएसी सभागार में नि:शुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में पहुंचे विशेषज्ञ चिकित्सकों ने कोरोना के दुष्प्रभाव से सुरक्षित रहने के उपाय सुझाए और सतर्क रहने की अपील की। चिकित्सकों ने कैंसर जैसी घातक बीमारी के बढ़ने पर भी चिंता व्यक्त कर लोगों से तम्बाकू, सिगरेट आदि मादक पदार्थों का सेवन न करने की सलाह दी। साथ ही पुलिस कर्मियों व उनके परिजनों द्वारा बीमारियों के बारे में पूछे गए अनेक रोगों के बारे में भी बताया।
चिकित्सा शिविर में रोहिलखंड मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के प्रेसिडेंट डॉ. अशोक अग्रवाल ने कहा कि अनियमित खानपान और पौष्टिक आहार न लेने समेत अन्य कारण कैंसर रोग की सबसे बड़ी वजह के रूप में सामने आ रहे हैं। फैक्ट्रियों से निकले गंदे पानी का सेवन भी घातक है और आसपास के क्षेत्र में इस कारण लोगों में कैंसर रोग की मात्रा दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
वरिष्ठ कैंसर रोग विशेषज्ञ डा. अर्जुन अग्रवाल ने मुख्य रूप से धूम्रपान को कैंसर का कारक बताया। कहा कि सिगरेट का चलन युवाओं में लगातार बढ़ता जा रहा है। लोग तनाव दूर करने के लिए इसका प्रयोग ज्यादा करने लगे हैं। जबकि ऐसा कुछ नहीं है, बल्कि सिगरेट के माध्यम से लिया जाने वाले धुएं से फेफड़ों का कैंसर होता है। सेवन करने वाले के अलावा इसके धुएं के संपर्क में आने वालों के लिए भी यह मौत की वजह बन रहा है।
बताया कि फेफड़े में कैंसर होने पर जोर से खांसी और खांसी के साथ खून आने की समस्या शुरू हो जाती है। ऐसा होने पर लोगों को बगैर देरी के तत्काल चिकित्सीय जांच कराकर उपचार शुरू कर देना चाहिए। इस बीमारी पर चर्चा कर रहे डॉ. आशुतोष ने लोगों को कैंसर के कारकों व लक्षणों के बारे में बताया।
शिविर में पीएसी के सेनानायक विकास कुमार वैद्य ने कहा कि किसी प्रकार का व्यसन शरीर के लिए नुकसानदायी होता है। इसलिए नियमित दिनचर्या व शुद्ध खान-पान पर ध्यान दिया जाना जरूरी है जिससे शरीर की तंदरुस्ती और मानसिक रूप से खुद को स्वस्थ रखा जा सके। शिविर के अंत में लोगों ने अनेक बीमारियों के बारे में विशेषज्ञ चिकित्सकों से उपाय व लक्षणों की जानकारी ली। पीएसी जवानों सहित काफी संख्या में उनके परिजन भी मौजूद रहे।
