Delhi Sports University: पढ़ाई के बराबर खेलों को मिलेगी अहमियत, ओलंपिक मेडलिस्ट मल्लेश्वरी ने बनाई योजना

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नई दिल्ली। दिल्ली खेल विश्वविद्यालय को पूरी तरह से संचालन शुरू करने में दो से तीन साल और लगेंगे लेकिन इसकी कुलपति कर्णम मल्लेश्वरी ऐसे पाठ्यक्रमों की योजना बना रही हैं जिससे कि खेल से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों के छात्रों को मदद मिले। सिडनी 2000 ओलंपिक में भारोत्तोलन में कांस्य पदक जीतने वाली मल्लेश्वरी को …

नई दिल्ली। दिल्ली खेल विश्वविद्यालय को पूरी तरह से संचालन शुरू करने में दो से तीन साल और लगेंगे लेकिन इसकी कुलपति कर्णम मल्लेश्वरी ऐसे पाठ्यक्रमों की योजना बना रही हैं जिससे कि खेल से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों के छात्रों को मदद मिले। सिडनी 2000 ओलंपिक में भारोत्तोलन में कांस्य पदक जीतने वाली मल्लेश्वरी को एक महीने से कुछ अधिक समय पहले विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया गया था। वह त्यागराज स्टेडियम में अस्थाई कार्यालय से काम कर रही हैं।

मल्लेश्वरी ने कहा, ”हम विश्वविद्यालय में 2000 छात्रों की योजना बना रहे हैं जिसमें 1000 पुरुष और 1000 महिला छात्र होंगी।” उन्होंने कहा, ”उनमें से सभी ओलंपिक में नहीं पहुंचेंगे। कुछ राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं, कुछ अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में जगह बनाएंगे लेकिन कुछ चुनिंदा छात्र ओलंपिक में पहुंचेंगे। इसलिए बाकी छात्रों के लिए हमें ऐसा पाठ्यक्रम शुरू करने की जरूरत है जिससे उन्हें भविष्य में मदद मिले।”

ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला मल्लेश्वरी ने कहा कि विश्वविद्यालय में खेल मेडिसिन, खेल ट्रेनिंग, खेल प्रबंधन के पाठ्यक्रम हो सकते हैं जिससे छात्रों को उनके भविष्य में मदद मिलेगी।

यह पूछने पर कि वह विश्वविद्यालय से जुड़ने पर क्यों सहमत हुई, मल्लेश्वरी ने कहा, ”मुझे बताया गया कि खेलों को अधिक अहमयित दी जाएगी। मैंने उनका कानून पढ़ा। यह मेरा सपना था कि मैं जमीनी स्तर पर काम करूं और मुझे लगता है कि इससे मुझे अपना सपना साकार करने में मदद मिलेगी।” उन्होंने कहा, ”अगर कोई बच्चा राष्ट्रीय शिविर में पहुंचता है तो उसे हर तरह का समर्थन दिया जाता है लेकिन जमीनी स्तर पर समस्या है।”

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