संत कबीर नगर: महान सूफी संत कबीर की नगरी में खाकी पर उठने लगे सवाल! जनिए क्यों?

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संतकबीरनगर। महान सूफी संत कबीर की नगरी अपनी पुलिस की करतूतों से जार-जार है। पिछले कुछ दिनो में जनपद के दो थानों में घटी कुछ शर्मनाक हरकतों की वजह से खाकी के दामन पर दाग लगा है, जिससे महकमे की फजीहत हुई है। बखिरा थाना में दो हत्या और एक सामूहिक दुष्कर्म और धनघटा थाने …

संतकबीरनगर। महान सूफी संत कबीर की नगरी अपनी पुलिस की करतूतों से जार-जार है। पिछले कुछ दिनो में जनपद के दो थानों में घटी कुछ शर्मनाक हरकतों की वजह से खाकी के दामन पर दाग लगा है, जिससे महकमे की फजीहत हुई है। बखिरा थाना में दो हत्या और एक सामूहिक दुष्कर्म और धनघटा थाने के भ्रष्ट दारोगा की गिरफ्तारी ने वर्दी पर सवाल खड़ा कर दिया है। इस पर भी पुलिस हिरासत में पिटाई से हुई अधेड़ की मौत ने सबको हिलाकर रख दिया है। लोग यह कहने पर मजबूर हो रहे हैं कि हमारी रक्षक पुलिस कैसे इतनी बेरहम व असंवेदनशील हो सकती है। फिलहाल कार्रवाई के नाम पर मुकदमा और निलंबन करके पुलिस घटनाओं पर पर्दा डालने का प्रयास कर रही है। लेकिन यह जख्म न भूलने वाले घाव दे गया है, जो वर्षों तक लोगों को याद रहेगा।

केस 1- पुलिस हिरासत में पिटाई से अधेड़ की मौत

बखिरा थानाक्षेत्र के शिवबखरी गांव के अनुसूचित जाति के बहरैची प्रसाद की बीते मंगलवार की रात 11 बजे पुलिस हिरासत में मौत हो गई। इनकी उम्र 55 वर्ष बताई गई है। मृतक के स्वजन तीन दिन से लाकअप में रखने व पिटाई करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पुलिस इतना पीटी कि उनकी हालत बिगड़ गई। मामला गंभीर हुआ तो उन्हें लेकर पुलिस जिला अस्पताल पहुंची लेकिन तब तक वह मर चुके थे। उसके बाद पुलिस वहां शव को लावारिश छोड़कर भाग निकली। थाने में अधेड़ की मौत के बाद पुलिस की* असंवेदनशीलता उजागर हुई है।

केस 2 – भाकियू जिला उपाध्यक्ष की सरेराह हत्या पर सवाल

बखिरा थानाक्षेत्र के ही बौरब्यास गांव निवासी लक्ष्मण पांडेय की 24 जुलाई की देर शाम सात बजे धारदार हथियार से हत्या की गई। दो घंटे तक पुलिस मौके पर नहीं पहुंची। आरोपित हथियार हवा में लहराकर लोगों को धमकाता रहा। इस मामले में किसान यूनियन व विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने धरना प्रदर्शन किया। जिसके बाद मुकदमा दर्ज करने व पांच में से मात्र एक आरोपित की गिरफ्तारी तक पुलिस की कार्रवाई सिमट गई। सरेयाम हुई इस खूनी वारदात ने पुलिस के इकबाल को चुनौती दी है।

केस 3- युवती के साथ चार युवकों ने किया सामूहिक दुष्कर्म

बखिरा थानाक्षेत्र के रहने वाले चार युवकों ने लिफ्ट देने के बहाने बीते 26 जुलाई को एक युवती को एक निजी स्कूल में ले जाकर बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया। विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दी गई। सामूहिक दुष्कर्म की वारदात ने पुलिस की सक्रियता की पोल खोलकर रख दी। फिलहाल चारों युवकों के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा पंजीकृत किया जा चुका है।

केस 4- 10 हजार घूस लेते दारोगा गिरफ्तार

धनघटा थाने पर तैनात उपनिरीक्षक राममिलन यादव को एंटी करप्शन की विशेष टीम ने बीते 27 जुलाई को 10 हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। तौलिया बनियान में दारोगा की गिरफ्तारी का फोटो वायरल होने के बाद पुलिस का भ्रष्ट चेहरा उजागर हुआ। आरोप है कि दारोगा मारपीट के मामले में चार्जशीट लगाने के नाम पर 10 हजार रुपये की घूस ले रहे थे। दारोगा की गिरफ्तारी के बाद धनघटा व महुली पुलिस ने एंटी करप्शन टीम को रोकने का भी प्रयास किया। इस बीच कुछ घटनाएं हुईं हैं, जो बेहद निंदनीय हैं। इसी के कारण बखिरा के थानेदार को निलंबित किया गया है। उसके ऊपर हत्या का मामला भी दर्ज किया गया है। कानून से जो भी खिलवाड़ करेगा उसे दंड भुगतना पड़ेगा।

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