ओडिशा: पुरी के शंकराचार्य और सामाजिक संगठनों ने सरकार की ‘कुटिया योजना’ का किया विरोध

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पुरी। पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चछलानंद सरस्वती, पुरी और कोणार्क के तटों पर छोटे-छोटे कमरे (कुटिया) बनाने की ओडिशा सरकार की योजना का विरोध कर रहे करीब 50 अलग-अलग संगठनों के साथ खड़े हो गए हैं। इन स्थानों पर पर्यटकों को शराब उपलब्ध कराए जाने की योजना है। ओडिशा आबकारी नीति, 2021 के तहत प्रस्तावित …

पुरी। पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चछलानंद सरस्वती, पुरी और कोणार्क के तटों पर छोटे-छोटे कमरे (कुटिया) बनाने की ओडिशा सरकार की योजना का विरोध कर रहे करीब 50 अलग-अलग संगठनों के साथ खड़े हो गए हैं। इन स्थानों पर पर्यटकों को शराब उपलब्ध कराए जाने की योजना है।

ओडिशा आबकारी नीति, 2021 के तहत प्रस्तावित समुद्र तट पर बनाई जानी वाली कुटियाओं में शराब परोसी जाएगी। पुरी के स्थानीय निवासियों सहित बड़ी संख्या में लोगों ने सरकार की योजना पर चिंता व्यक्त की है और समुद्र तट पर झोपड़ियां बनाने संबंधी निविदा को तत्काल रोकने की मांग की है।

शंकराचार्य ने राज्य सरकार के ऐसे कदम पर निराशा जाहिर करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि श्री जगन्नाथ धाम पुरी आध्यात्मिक एवं धार्मिक चिंतन-मनन की जगह है। किसी भी परिस्थिति में, शराब और अन्य किसी भी तरह के मादक पदार्थों को पुरी के तट पर अनुमति नहीं मिलनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा मांग की है कि पुरी समुद्र तट पर तीन किलोमीटर तक की जगह भजन, कीर्तन और आरती की जगह होनी चाहिए। पुरी तट में सरकार का यह प्रस्ताव स्वीकार्य नहीं है। इस बीच, सामाजिक संगठनों के एक प्रतिनिधिमंडल ने पुरी के जिलाधिकारी समर्थ वर्मा के साथ मुलाकात की और पुरी जिले में पर्यटन विकास के नाम पर तटों पर ‘कुटिया’ योजना को वापस लेने की मांग की।

कई महिला कार्यकर्ताओं ने भी राज्य की योजना पर चिंता जताई है और दावा किया है कि इससे ओडिशा में महिलाओं के खिलाफ अपराध को बढ़ावा मिलेगा। वर्मा ने संवाददाताओं को कहा, “हम इस संबंध में कोई भी फैसला लेने से पहले विभिन्न पहलुओं पर विचार करेंगे। यह अभी प्रस्ताव के चरण में ही है। इससे पहले, समुद्र तट पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए, ओडिशा पर्यटन विकास निगम (ओटीडीसी) के माध्यम से राज्य सरकार ने शुरू में पुरी से कोणार्क तक समुद्र तट के किनारे कुटिया स्थापित करने के लिए बोलियां आमंत्रित की थी।

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