नैनीताल: एक माह की बच्ची की हत्या करने वाली मां पर हाईकोर्ट सख्त, जमानत याचिका खारिज

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नैनीताल, अमृत विचार। अपनी कोख से जन्मी एक माह की बच्ची की हत्या करने वाली कलियुगी मां को उच्च न्यायालय से जमानत नहीं मिल पायी है। अदालत ने घटना को जघन्य करार देते हुए जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। यह मामला उधमसिंह नगर के खटीमा का है। जहां 15 दिसंबर 2019 की रात …

नैनीताल, अमृत विचार। अपनी कोख से जन्मी एक माह की बच्ची की हत्या करने वाली कलियुगी मां को उच्च न्यायालय से जमानत नहीं मिल पायी है। अदालत ने घटना को जघन्य करार देते हुए जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। यह मामला उधमसिंह नगर के खटीमा का है। जहां 15 दिसंबर 2019 की रात को 30 दिन की बच्ची घर से गायब हो गयी।

बच्ची के पिता की शिकायत पर पुलिस की ओर से 16 दिसंबर को मामला दर्ज कर जांच शुरू की गयी। पुलिस को जांच में चौंकाने वाले तथ्य हाथ लगे। पुलिस ने हत्या के आरोप में बच्ची की मां निशा उर्फ नगमा को गिरफ्तार कर लिया और उसकी निशानदेही पर बच्ची का शव नाले से बरामद कर लिया। निशा तभी से हत्या के आरोप में जेल में बंद है। मामले की सुनवाई बुधवार को न्यायमूर्ति रवीन्द्र मैठाणी की अदालत में हुई लेकिन फैसले की प्रति गुरुवार को मिली।

आरोपी की ओर से कहा गया कि उसका पति उसके चरित्र पर शक करता था। उसका बच्ची को मारने का कोई इरादा नहीं था। इस मामले में कोई स्वतंत्र गवाह भी नहीं है। सुनवाई के दौरान यह भी तर्क दिया गया है कि कोई जन्म देने वाली मां अपने बच्चे को कैसे मार सकती है? इसलिये आरोपी महिला होने के नाते जमानत पाने की हकदार है। दूसरी ओर अभियोजन पक्ष की ओर से जमानत का विरोध किया गया और कहा गया कि यह जघन्य अपराध है। आरोप गंभीर हैं।

तीन गवाहों ने भी अभियोजन की पुष्टि की है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का स्पष्ट खुलासा नहीं हुआ है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने कहा कि यह जघन्य अपराध है और मां जमानत पाने की अधिकारी नहीं है। साथ ही जमानत प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया।

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