बरेली: पहली बार बिना टॉपर के घोषित हुआ आईएससी रिजल्ट, स्कूलों में पसरा रहा सन्नाटा
बरेली, अमृत विचार। काउंसलिंग फॉर इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) ने शनिवार को आईसीएसई कक्षा 10 और आईएससी कक्षा 12 का रिजल्ट घोषित किया। ऐसा पहली बार हुआ है कि बिना टॉपर के रिजल्ट घोषित किया गया क्योंकि इस साल कोरोना की वजह से हाई स्कूल और इंटर की परीक्षा रद्द कर दी गई थी। …
बरेली, अमृत विचार। काउंसलिंग फॉर इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) ने शनिवार को आईसीएसई कक्षा 10 और आईएससी कक्षा 12 का रिजल्ट घोषित किया। ऐसा पहली बार हुआ है कि बिना टॉपर के रिजल्ट घोषित किया गया क्योंकि इस साल कोरोना की वजह से हाई स्कूल और इंटर की परीक्षा रद्द कर दी गई थी। रिजल्ट जारी होने के बाद किसी प्रकार की कोई हलचल नहीं दिखी और न ही खुशियां और बधाई मनाई गई। सभी स्कूलों में भी सन्नाटा पसरा रहा।
आईसीएसई और आईएससी में बरेली जिले में इस साल 2208 छात्र-छात्राएं पंजीकृत थे। जिनमें से आईएससी में कक्षा 12 के कुल 11 स्कूलों में 882 छात्र-छात्राएं पंजीकृत थे जबकि आईसीएसई में कक्षा 10 के 13 स्कूलों में 1326 छात्र-छात्राएं पंजीकृत थे। कोरोना संक्रमण की वजह से सभी परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया था। छात्र-छात्राओं ने जितनी अंक पिछली कक्षा में और प्री बोर्ड कक्षाओं में प्राप्त किए थे उसी के आधार पर बोर्ड का रिजल्ट तैयार किया गया है।

12वीं का रिजल्ट घोषित होने के बाद छात्रों का स्कूल में आने का सिलसिला शुरू हुआ लेकिन, कोविड प्रोटोकॉल का हवाला देकर स्कूल प्रशासन ने छात्रों को प्रवेश देने से साफ इंकार कर दिया। बताया जा रहा है कि स्कूल के बाहर से ही बच्चों को शिक्षकों के न होने की बात कहकर लौटा दिया गया। गणित व विज्ञान विषयों में सौ फीसद अंक प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या भी खूब रही। इतिहास में यह पहली बार हुआ जब बिना परीक्षा दिए छात्रों को उत्तीर्ण कर दिया गया। हालांकि पिछले साल भी मेरिट नहीं आयी थी लेकिन परीक्षाएं हुई थीं।
लोड बढ़ने से वेबसाइट ठप, परेशान हुए छात्र
काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन की कक्षा दस और आइएससी कक्षा 12 का रिजल्ट शनिवार दोपहर घोषित हो गया। दोपहर तीन बजे अचानक लोड बढ़ने की वजह से वेबसाइट हैंग हो गई। बरेली मंडल में लगभग 4200 छात्र-छात्राएं 10वी और 12वी में पंजीकृत रहे। कोविड के चलते पहली बार विद्यालयों में बच्चे नहीं बुलाये गए हैं। विद्यालयों में ताले लटके मिले।
ऑनलाइन चला बधाई का सिलसिला
कोरोना संक्रमण के चलते स्कूल भले ही बंद रहे लेकिन परीक्षा परिणाम घोषित होते ही आनलाइन बधाई देने का सिलसिला शुरू हो गया। सहपाठियों ने एक दूसरे को बोर्ड परीक्षा में मिली सफलता की बधाई दी जबकि शिक्षक भी उनकी इस खुशी में शामिल हुए। छात्र छात्राओं की इस परिणाम को लेकर अलग-अलग राय रही। कई छात्र इस बार से खुश थे कि अब वह कालेज की सीढिय़ां चढेंग़े जबकि कुछ छात्रों को इस बात का मलाल भी था कि उन्होंने साल भर अच्छी मेहतन की थी अगर परीक्षा हुई होती तो वह मेरिट में अपनी जगह बना सकते थे।
