बरेली: आशाओ ने नहीं दी घर घर दस्तक, साप्तहिक रिपोर्ट पहुंची शासन

बरेली: आशाओ ने नहीं दी घर घर दस्तक, साप्तहिक रिपोर्ट पहुंची शासन

बरेली, अमृत विचार। शासन की ओर से मानसून की दस्तक से पहले स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाए जा रहे संचारी रोग अभियान में आशाओं की ओर से दस्तक नहीं दी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान में आशा अपनी भूमिका निभा रही हैं, जबकि आशा …

बरेली, अमृत विचार। शासन की ओर से मानसून की दस्तक से पहले स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाए जा रहे संचारी रोग अभियान में आशाओं की ओर से दस्तक नहीं दी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान में आशा अपनी भूमिका निभा रही हैं, जबकि आशा एसोसिएशन के पदाधिकारियों के अनुसार पिछले साल संचालित दस्तक अभियान का निर्धारित पैसा न मिलने के चलते मुहिम में हिस्सा नहीं लिया जा रहा है। इसको लेकर नौ अगस्त को आशा एसोसिएशन कार्य बहिष्कार करने की भी तैयारियां कर रहा है।

जिले में अभियान को संचालित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ ही 11 अन्य विभागों का सहयोग लिया जाता है। इसमें नगर निगम, पशुपालन विभाग, पंचायती राज विभाग आदि शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस अभियान में घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करने के साथ ही डेंगू- मलेरिया की जांच करना, उचित उपचार के लिए दवाइयां उपलब्ध कराना, टीबी रोगी खोजना समेत अन्य काम शामिल हैं। ग्रामीण क्षेत्र में इस काम को करने के लिए आशा कार्यकत्रियों के साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व प्रधान आदि सहयोग करते हैं।

इस साल 12 जुलाई से स्वास्थ्य विभाग की ओर से कार्य किया गया। 12 से 17 जुलाई की विभागीय रिपोर्ट के अनुसार आशाओं की ओर से घर-घर भ्रमण कर 9,23,000 लक्ष्य के सापेक्ष 3,43,300 घरों का सर्वेक्षण, मातृ बैठक के 3,854 के लक्ष्य के सापेक्ष 1,795 यानी 46 प्रतिशत, टीकाकरण दिवस पर इंसेफ्लाइटिस पर समूह चर्चा 1,899 लक्ष्य के सापेक्ष 809, पानी शुद्ध करने के लिए क्लोरीनेशन डेमो के लिए 3,614 में से 1,162 यानी 46 प्रतिशत, स्वयं सहायता समूह बैठक के 574 लक्ष्य के सापेक्ष 324, ग्राम स्वच्छता स्वास्थ्य एवं पोषण समिति की बैठक के 1193 के लक्ष्य के सापेक्ष 716, आशाओं की ओर से खोजे गए संभावित मलेरिया बुखार के 1020 मरीज, संभावित मरीजों में से 741 लोगों की रेपिड किट से जांच, कोविड-19 समान लक्षण वाले 271 लोगों में 230 की जांच (जिसमें सभी कोरोना निगेटिव, क्षय रोग से संबंधित लक्ष्ण वाले 106 रोगी, फाइलेरिया डिफार्मिटी के 10 रोगियों) आदि कार्य किया गया।

जबकि एसोसिएशन के पदाधिकारियों के अनुसार जिले में 3000 के करीब आशा तैनात हैं, जो पिछले अभियान का निर्धारित मानदेय न मिलने के चलते नाराज होने से इस साल होने वाले दस्तक अभियान में हिस्सा नहीं ले रही हैं। इसके लिए आशा एसोसिएशन की ओर से तत्कालीन सीएमओ डा. एसके गर्ग को लिखित पत्र भी दिया गया था। पत्र के बाद तत्कालीन सीएमओ ने तीन दिन के भीतर पैसे मिलने का आश्वासन दिया था। इसके पहले ही उनकी पदोन्नति के चलते एक बार फिर मेहनतकश आशाओं का पैसा लटक गया है।

पिछले साल संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान का पैसा नहीं मिलने के चलते बीते कुछ दिन पहले ही तत्कालीन सीएमओ डा. एसके गर्ग को लिखित पत्र दिया गया था। इसके बाद भी कोई कार्रवाई न होने से नौ अगस्त को आशा एसोसिएशन की ओर से कार्य बहिष्कार किया जाएगा। -रामवती साहू, उपाध्यक्ष, आशा एसोसिएशन

अभियान के लिए शासन की ओर से निर्धारित पैसा न मिलने के विरोध में आशाओं ने इस बार दस्तक अभियान का काम नहीं किया। वहीं कुछ आशाओं को डरा-धमका कर उनसे कार्य कराया गया है। नौ अगस्त को कार्ययोजना बनाई जा रही है। आशाओं के उत्पीड़न का पुरजोर विरोध किया जाएगा। -रामश्री गंगवार, जिला अध्यक्ष, आशा एसोसिएशन

जिला मलेरिया अधिकारी डा. देशराज सिंह ने बताया कि प्रत्येक ब्लॉक से मिली रिपोर्ट के आधार पर शासन को साप्ताहिक रिपोर्ट भेजी गई है।