बरेली: अफसर-सर्वेयरों की साठगांठ से गुपचुप बना लीं दोमंजिला दुकानें

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बरेली, अमृत विचार। नगर निगम की कई दुकानें गुपचुप तरीके से दो मंजिला बना ली गईं लेकिन पूर्व अफसरों व सर्वेयरों की साठगांठ से इस पूरे खेल पर पर्दा डाले रखा गया। इससे दुकानदारों को अवैध निर्माण का खुला मौका तो मिला ही। साथ ही दुकान के ऊपर दूसरी दुकानें बना लेने के बावजूद नगर …

बरेली, अमृत विचार। नगर निगम की कई दुकानें गुपचुप तरीके से दो मंजिला बना ली गईं लेकिन पूर्व अफसरों व सर्वेयरों की साठगांठ से इस पूरे खेल पर पर्दा डाले रखा गया। इससे दुकानदारों को अवैध निर्माण का खुला मौका तो मिला ही। साथ ही दुकान के ऊपर दूसरी दुकानें बना लेने के बावजूद नगर निगम को एक ही दुकान के किराए का भुगतान किया जाता रहा।

कई सालों से चल रहे इस गोरखधंधे से नगर निगम को अब तक राजस्व के तौर पर मोटी चपत लग चुकी है। नॉवल्टी मार्केट में स्थित नगर निगम की दुकानों की जांच में इसका खुलासा होने के बाद खलबली मची हुई है। अब नए सिरे से पूरे मामले की जांच कराकर गड़बड़ी करने वाले दुकानदारों की गर्दन नापने की तैयारी शुरू कर दी गई है।

नगर निगम की दुकानों को लेकर यह खेल लंबे समय से चला आ रहा है। शर्तों के अनुसार आवंटियों को नगर निगम की दुकानों में खुर्द-बुर्द करके उसका स्वरूप बदलने का कोई अधिकार नहीं है और न ही वे इसे किसी दूसरे को हस्तांतरित कर सकते हैं। जबकि नगर निगम के पूर्व में तैनात रहे तमाम अफसरों और सर्वेयर ने दुकानदारों से साठगांठ करके इस नियमों का जमकर उल्लंघन करने दिया।

इसके एवज में दुकान आवंटी मोटी रकम से इस गड़बड़ी में शामिल रहे नगर निगम के स्टाफ की जेबें गर्म करते रहे लेकिन हाल में कई पार्षदों को शामिल कर बनाई गई नगर निगम की कार्यकारिणी की ओर से जब नॉवेल्टी मार्केट में बनी दुकानों को लेकर गंभीर शिकायतें की गईं तो नगर निगम प्रशासन ने कई उच्चाधिकारियों को शामिल करते हुए इस पूरे प्रकरण की जांच शुरू करा दी। इस टीम ने दुकानों की मौके पर पैमाइश और रिकार्डों को चेक किया तो बेहद चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए हैं।

इसमें सबसे गंभीर बिंदु यह मिला है कि नगर निगम ने नॉवल्टी मार्केट में करीब 60 से 70 साल पुरानी बनी दुकानों की जर्जर हालत को देखते हुए उनके नए लिंटर बनाने और उन्हें ऊंचा करने की अनुमति दी थी। जबकि तमाम दुकानदारों ने सर्वेयरों व अफसरों से मिलीभगत कर लिंटर ऊंचा करने के नाम पर दुकान के ऊपरी मंजिल पर गुपचुप तरीके से दूसरी दुकान का निर्माण करा लिया और अफसरों की इसकी भनक तक नहीं लगी।

इस खेल में निगम की संपत्ति को तो नुकसान हुआ ही। साथ ही दोमंजिला दुकान बनाए जाने के बावजूद नगर निगम के किराए खाते में सिर्फ एक ही दुकान का किराया जमा होने से राजस्व के तौर पर अब भारी क्षति भी हो चुकी है। अब इसके खुलासे के बाद इसकी गड़बड़ी की भरपाई करने के रास्ते ढूंढे जा रहे हैं।

14 में 10 दुकानदारों ने कराए अवैध निर्माण, तोड़ने के नोटिस जारी
नॉवल्टी मार्केट में नगर निगम की 14 दुकानों की नापजोख के बाद पता चला कि 10 दुकानदारों ने अवैध तरीके से दुकानों को ऊंचा करने के साथ अनाधिकृत तौर से दूसरी मंजिल का भी निर्माण करा लिया था। इसमें दुकान संख्या तीन, चार, 11 और 12 को छोड़कर बाकी सभी दुकानदारों को बगैर अनुमति के तैयार की गईं दुकानों के हिस्सों को तीन दिन के अंदर खुद ही ध्वस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि ऐसा न करने वाले दुकानदारों के खिलाफ ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करते हुए जुर्माना वसूल किया जाएगा। जिन्होंने दोमंजिला दुकानें बनाई हैं, उन पर किराया तय होगा या दूसरी कार्रवाई होगी। यह फिलहाल तय नहीं हैं।

51 मार्केट में हैं नगर निगम की 1350 दुकानें
शहर में नॉवल्टी मार्केट के साथ ही जवाहरनगर, प्रेमनगर, कुतुबखाना, सीबीगंज सहित तमाम जगहों पर नगर निगम की 51 मार्केट में करीब 1350 दुकानें हैं। नगर निगम ने इन्हें अरसा पहले किराएदारों को आवंटित किया है। नगर निगम को इसके किराए से हर साल काफी आमदनी मिलती है।

अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार सिंह ने बताया कि नॉवल्टी मार्केट में नगर निगम की 10 दुकानों में दुकानदारों ने अनाधिकृत तौर से निर्माण करा लिया है। इसका खुलासा होने के बाद दुकानदारों को अपने अवैध निर्माण खुद ही ध्वस्त करने का नोटिस दिया गया है।

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