अल्मोड़ा: द्रोणाचार्यों की कमी से जूझ रहा शिक्षा महकमा

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अल्मोड़ा, अमृत विचार। एक ओर सरकार सरकारी स्कूलों में बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के दावे करते नहीं थक रही है। वहीं सच्चाई यह है कि आज भी जिले का शिक्षा महकमा द्रोणाचार्यों की कमी से जूझ रहा है। प्राथमिक शिक्षा की बात करें तो इस संवर्ग में शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों के 3753 पदों में …

अल्मोड़ा, अमृत विचार। एक ओर सरकार सरकारी स्कूलों में बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के दावे करते नहीं थक रही है। वहीं सच्चाई यह है कि आज भी जिले का शिक्षा महकमा द्रोणाचार्यों की कमी से जूझ रहा है। प्राथमिक शिक्षा की बात करें तो इस संवर्ग में शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों के 3753 पदों में से 1125 पर लंबे समय से खाली चल रहे हैं। जिससे बच्चों की शिक्षा दीक्षा पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

जिले के ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों की बात करें तो यहां बच्चों को शिक्षा देने के सरकारी स्कूलों के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। लेकिन इन सरकारी स्कूलों में शिक्षकों कमी के चलते यहां शिक्षा प्राप्त कर रहे नौनिहालों के भविष्य पर इसका लगातार बुरा प्रभाव पड़ रहा है। अल्मोड़ा जिले की बात करें तो यहां 1264 प्राथमिक स्कूल हैं। जिनमें शिक्षकों के 1880 पर सृजित हैं।

लेकिन सृजित पदों के सापेक्ष यहां केवल 1250 शिक्षक स्कूलों में तैनात हैं। जबकि 630 पद आज भी रिक्त चल रहे हैं। प्रधानाध्यापक के भी 983 पदों में से केवल 800 पर ही तैनाती हुई है। 183 प्रधानाध्यापकों के पद भी लंबे समय खाली चल रहे हैं। जूनियर हाईस्कूलों का हाल भी कुछ अच्छा नहीं है। 163 जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षकों के 783 पदों में से केवल 518 पदों पर शिक्षकों की तैनाती है। जबकि 265 पद आज भी खाली हैं। जूनियर संवर्ग में प्रधानाध्यापक के 107 पदों में से केवल 60 पदों पर तैनाती हुई है। 47 पद यहां भी रिक्त चल रहे हैं।

रिक्त पदों को भरने के लिए शासन की हरी झंडी का इंतजार
अल्मोड़ा। शिक्षा महकमे में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए विभाग ने कुछ दिनों पहले विज्ञप्ति निकाली थी। जिसमें विभाग को प्राथमिक शिक्षकों के 418 पदों को भरने के लिए प्रदेश भर से करीब 24300 आवेदन मिले हैं। विभाग ने आवेदन पत्रों की डाटा फीडिंग का कार्य पूरा कर उनकी जांच तो शुरू कर दी है। लेकिन नियुक्ति प्रक्रिया के लिए विभाग को अब भी शासन से आदेश मिलने का इंतजार बांकी है।