बरेली: जंक्शन पर ऑटो स्टैंड का ठेका सरेंडर, चालकों को जीआरपी कर रही परेशान
बरेली, अमृत विचार। जंक्शन पर इन दिनों ऑटो, टैक्सी और दो पहिया वाहनों की पार्किंग को लेकर बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। कोरोना की पहली लहर के बाद जब ट्रेनों का संचालन बंद हुआ तो ठेकेदार ने नुकसान के चलते ठेका सरेंडर कर दिया। हालांकि ठेका 2023 तक वैध है। अधिकारियों की मानें तो …
बरेली, अमृत विचार। जंक्शन पर इन दिनों ऑटो, टैक्सी और दो पहिया वाहनों की पार्किंग को लेकर बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। कोरोना की पहली लहर के बाद जब ट्रेनों का संचालन बंद हुआ तो ठेकेदार ने नुकसान के चलते ठेका सरेंडर कर दिया। हालांकि ठेका 2023 तक वैध है।
अधिकारियों की मानें तो ठेकेदार ने यथास्थिति में ठेका चालू रखने के लिए मंडल से अनुमति मांगी है। इस वजह से मौजूदा समय में आज तक स्टैंड चालू नहीं हो पाया है। नतीजा यह हुआ कि ऑटो चालकों और दूसरे वाहनों के चालान जीआरपी द्वारा किए जाते हैं। उधर इस अव्यवस्था को लेकर ऑटो चालकों में खासा रोष है।
तीन दिन पहले चार ऑटो के चालान कटने के बाद चालकों ने स्टेशन पर हंगामा भी किया था। उनका कहना है कि सर्क्युलेटिंग क्षेत्र से हटकर ऑटो खड़ा करने के बावजूद उनके चालान काट दिए जाते हैं। न सिर्फ चालान होता है, बल्कि उनके साथ बदसलूकी भी की जाती है। स्टेशन पर जीआरपी और आरपीएफ वाले परेशान करते हैं तो स्टेशन के बाहर सिविल पुलिस। कहने को तो कागजों पर ऑटो का परमिट जंक्शन केंद्र से 16 किलोमीटर की परिधि में है लेकिन जंक्शन पर ही रोका जा रहा है।

ऑटो रिक्शा एसोसिएशन के अध्यक्ष कृष्ण पाल सिंह ने बताया कि न तो जंक्शन और न ही पूरे शहर में ऐसी कोई जगह नहीं है, जहां अधिकृत रूप से वह अपना वाहन खड़ा कर सकें। अधिकतर ट्रेनों का संचालन शुरू हो चुका है। यात्रियों को स्टेशन तक छोड़ने आते हैं लेकिन ऑटो चालकों को परेशान किया जाता है।
इस पर जीआरपी के अधिकारी बताते हैं कि जब ठेका ही नहीं है तो पार्किंग का मतलब नहीं बनता। ऐसे में चालान की कार्रवाई की जाती है। यह समस्या केवल ऑटो वालों के लिए नहीं है। स्टैंड बंद होने से आम यात्रियों को भी वाहन खड़ा करने के लिए दिक्कत झेलनी पड़ती है। दूसरी तरफ कोरोना की पहली लहर के दौरान बंद हुए स्टैंड को अधिकारी दोबारा चालू कराने की बात कह रहे हैं।
स्टैंड की कटती थी पर्ची
जंक्शन पर आने वाले वाहनों के लिए ऑटो और रिक्शा लेन बनाई गई है। ठेकेदार द्वारा यहां आने वाले ऑटो चालकों से 30 से 40 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से शुल्क लिया जाता था। मगर अब ठेका नहीं होने से जीआरपी और आरपीएफ के लिए यही पार्किंग अवैध हो चुकी है, जिसका खामिजा ऑटो चालक भुगत रहे हैं। स्टेशन आने पर 500 रुपए तक का चालान किया जाता है। जीआरपी प्रभारी निरीक्षक विजय सिंह राणा ने बताया कि फिलहाल जंक्शन पर पार्किंग का कोई ठेका नहीं है। अगर कोई भी जंक्शन परिसर में अवैध रूप से वाहन खड़ा करता है तो उसका चालान किया जाएगा।
