बरेली: ओपन बुक से प्रयोगात्मक परीक्षाएं देना आसान नहीं

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बरेली, अमृत विचार। एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने प्रयोगात्मक और मौखिकी परीक्षाएं ओपन बुक सिस्टम पर आधारित कराने का निर्णय लिया है। इसका प्रारूप भी विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है लेकिन इस नए सिस्टम से परीक्षा देना छात्रों के लिए आसान नहीं होगा, क्योंकि इस तरह की परीक्षाओं का आयोजन विश्वविद्यालय के द्वारा …

बरेली, अमृत विचार। एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने प्रयोगात्मक और मौखिकी परीक्षाएं ओपन बुक सिस्टम पर आधारित कराने का निर्णय लिया है। इसका प्रारूप भी विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है लेकिन इस नए सिस्टम से परीक्षा देना छात्रों के लिए आसान नहीं होगा, क्योंकि इस तरह की परीक्षाओं का आयोजन विश्वविद्यालय के द्वारा पहली बार किया जा रहा है।

इसमें छात्रों को किताबें खोलने का मौका तो मिलेगा लेकिन प्रश्नपत्र हल करने के लिए कई शर्तें रखी गई हैं। ऐसे में छात्रों को ओपन बुक से परीक्षा देने पर भी पढ़ाई और मेहनत करनी होगी, नहीं तो उनके अंक कट जाएंगे। इसको लेकर प्रारूप में भी पहले से स्पष्ट कर दिया गया है।

ओपन बुक सिस्टम के तहत छात्रों को दो तरह के होम असाइनमेंट करने को दिए जाएंगे जिसमें 15 प्रश्नों का एक असाइनमेंट महाविद्यालय द्वारा छात्र को दिया जाएगा और 15 प्रश्नों का एक असाइनमेंट छात्र को ही तैयार करना होगा। विश्वविद्यालय का दो अलग-अलग असाइनमेंट देने का मकसद है कि छात्र अपना पाठ्यक्रम पूरी तरह से रिवाइज कर सकें।

15 प्रश्न महाविद्यालय द्वारा पाठ्यक्रम से तैयार करके दिए जाएंगे। इन प्रश्नों को हल करने के लिए छात्र को पढ़ाई करनी होगी जो प्रश्नपत्र छात्र तैयार करेंगे, वह भी पाठ्यक्रम से होंगे लेकिन महाविद्यालय द्वारा तैयार प्रश्नों से अलग होंगे। ऐसे में इन्हें तैयार करने और हल करने के लिए भी छात्र को पढ़ाई करनी होगी।

छात्रों को घर पर किताब खोलने की तो अनुमति होगी लेकिन इसके लिए उन्हें सिर्फ 24 घंटे का ही समय दिया जाएगा। इससे प्रश्नपत्र तैयार करना और प्रश्नपत्रों को हल करना आसान नहीं होगा। साथ ही छात्रों के लिए यह भी शर्त रखी गई है कि उसे अपने हाथ से लिखकर उत्तर पुस्तिका में प्रश्नपत्रों को हल करना होगा और उसकी भाषा भी किताब से मिलती-जुलती नहीं होनी चाहिए।

यदि किताब से मिलती-जुलती भाषा होगी तो परीक्षक उसी आधार पर उसे अंक देगा। महाविद्यालयों द्वारा छात्रों के असाइनमेंट के आधार पर ही अंक देने के निर्देश दिए गए हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा कभी भी कोई असाइनमेंट चेक किया जा सकता है।

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