बरेली: घोटाले में एमओआईसी व डाटा एंट्री ऑपरेटर दोषी
बरेली, अमृत विचार। प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना में हुए एक करोड़ के घोटाले की जांच स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की आख्या देने के बाद पूरी हो गई है। जांच रिपोर्ट में तत्तकालीन एमओआईसी डा. मयंक मिश्रा, डाटा इंट्री ऑपरेटर शिवओम मुख्य दोषी पाए गए हैं। कोषाधिकारी व जिला प्रशासनिक अधिकारी ने घोटाले के दोषियों को …
बरेली, अमृत विचार। प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना में हुए एक करोड़ के घोटाले की जांच स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की आख्या देने के बाद पूरी हो गई है। जांच रिपोर्ट में तत्तकालीन एमओआईसी डा. मयंक मिश्रा, डाटा इंट्री ऑपरेटर शिवओम मुख्य दोषी पाए गए हैं। कोषाधिकारी व जिला प्रशासनिक अधिकारी ने घोटाले के दोषियों को आरोप पत्र देने की रिपोर्ट सीएमओ को सौंप दी है। रिपोर्ट में इसके साथ ही बीपीएम-बीसीपीएम समेत कई अन्य लोगों की भूमिका संदिग्ध मिली है।
बिथरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 2017 से लेकर 2020 तक प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना में जमकर गड़बड़ी हुई है। अपात्र महिलाओं को योजना का लाभार्थी बनाया गया और उनके खाते में पांच हजार रुपये की राशि भी डाली गई। पैसा आने के बाद दोषियों ने बतौर कमीशन 3500-4000 प्रति आवेदन भी लिया। तीन साल से दो हजार से अधिक महिलाओं को फर्जी तरीके से लाभार्थी बनाया गया। इस तरह तीन सालों में करीब एक करोड़ का घोटाला हुआ। स्वास्थ्य विभाग में घोटाले की शिकायत हुई तो नोडल अधिकारी डा. आरएन गिरी ने प्राथमिक जांच की और घोटाले की आशंका जताई।
जिला प्रशासनिक अधिकारी डा. राकेश और कोषाधिकारी नीरज पाठक की कमेटी को मामले की जांच की। करीब तीन महीने तक चली जांच के बाद दोनों अधिकारियों ने एमओआईसी डा. मयंक मिश्रा और डाटा एंट्री आपरेटर शिवओम को दोषी पाते हुए आरोप पत्र देने की आख्या प्रस्तुत की है। इस संबंध में डा. मयंक से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उनका फोन नहीं लगा।
पोर्टल पर अपलोड लाभार्थियों की तुलना में आवेदन पत्रों की संख्या कम मिली है। साथ ही कई गांवों में अपात्र महिलाओं को लाभार्थी बनाया गया है। जांच में घोटाले की पुष्टि हुई है। दोषियों पर आरोप पत्र की आख्या दी गई है। -डा. राकेश यादव, जिला प्रशासनिक अधिकारी
