केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय के आदेश पर यूपी में गठित हुई समिति, जानें क्या है इसका उद्देश्य
लखनऊ। केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय पहल निपुण भारत की लांचिंग के बाद यूपी में भी शिक्षा महानिदेशक ने दस सदस्य कमेटी का गठन कर दिया है। बच्चों को वर्चुअल माध्यम से समझ के साथ पढ़ने तथा संख्या गणना में निपुणता के लिए लांच इस ऐप के माध्यम से बच्चों में आनलाइन शिक्षा …
लखनऊ। केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय पहल निपुण भारत की लांचिंग के बाद यूपी में भी शिक्षा महानिदेशक ने दस सदस्य कमेटी का गठन कर दिया है। बच्चों को वर्चुअल माध्यम से समझ के साथ पढ़ने तथा संख्या गणना में निपुणता के लिए लांच इस ऐप के माध्यम से बच्चों में आनलाइन शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा देना है।
इस संबंध में शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद की ओर से गठित समिति में संयुक्त शिक्षा निदेशक एसएसए, एससीईआरटी, संयुक्त शिक्षा निदेशक बेसिक, वित्त नियंत्रक समग्र शिक्षा राज्य परियोजना कार्यालय, संयुक्त शिक्षा निदेशक बेसिक कैंप कार्यालय, प्राचार्य जिला एवं प्रशिक्षण संस्थान, वरिष्ठ सलाहकार समग्र शिक्षा अभियान, कार्यकारी निदेशक लैग्वेज, एंड लर्निंग फाउडेंशन, निदेशक विक्रमशिला एजुकेशन रिसोर्स सोसाइटी, महेन्द्र द्विवेदी सलाहकार यूनिसेफ, सलाहकार समग्र शिक्षा पीएम अंसारी, वरिष्ठ विशेषज्ञ गुणवत्ता समग्र शिक्षा को शामिल किया गया है। महानिदेशक ने बताया कि निपुण भारत के तहत ये समिति लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि समिति की ओर से केन्द्रीय गाइडलाइन का भी पालन किया जायेगा।
ये है मुख्य उद्देश्य
अधिकारियों के मुताबिक इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश का प्रत्येक बच्चा 2026-27 तक ग्रेड-3 के अंत तक कम से कम मूलभूत साक्षरता और संख्या की गणना करने का कौशल आवश्यक रूप से प्राप्त कर सके। निपुण भारत को स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा लागू किया जाएगा और केंद्र प्रायोजित योजना समग्र शिक्षा अभियान के तहत सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में राष्ट्रीय-राज्य-जिला-ब्लॉक-स्कूल स्तर पर एक पांच स्तरीय कार्यान्वयन तंत्र स्थापित किया जाएगा।
3 से 9 वर्ष के बच्चों को मिलेगा लाभ
अधिकारियों के मुताबिक 3 से 9 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों की सीखने की जरूरतों को पूरा करने में आसानी होगी। इसके साथ ही शिक्षकों को बुनियादी भाषा के विकास के लिए हर बच्चे की साक्षरता और संख्यात्मक कौशल पर ध्यान दिया जा सकेगा। ताकि उन्हें बेहतर पाठकों और लेखकों के रूप में विकसित करने में मदद मिले। इस तरह निपुण भारत ने बुनियादी चरण में ही सीखने के अनुभव को समग्र, एकीकृत, समावेशी, सुखद और आकर्षक बनाने की परिकल्पना की है।
नई शिक्षा नीति के तहत हो रहा काम
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में यह निर्धारित किया गया है कि सभी बच्चों के लिए मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक कौशल प्राप्त करना तात्कालिक राष्ट्रीय उद्धेश्य बनना चाहिए। उन्होंने बताया कि 2021-22 में फाउंडेशनल स्टेज के लिए विभिन्न उपायों को लागू करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को समग्र शिक्षा योजना के तहत 2688.18 करोड़ रुपये की मंजूरी पहले ही दी जा चुकी है।
