बरेली: पंडित धर्मदत्त वैद्य के घर पर दिलीप कुमार ने दाल-चावल और मिक्स चाट खाई थी
बरेली, अमृत विचार। हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार के निधन की खबर के बाद बरेली में भी उनके अनगिनत चाहने वाले शोक में डूब गए। उनके निधन के साथ ही बरेली से जुड़ी उनकी यादें भी ताजा हो गई हैं। फिल्म जगत में ऊंचा मुकाम हासिल करके लाखों-करोड़ों के दिलों पर राज करने …
बरेली, अमृत विचार। हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार के निधन की खबर के बाद बरेली में भी उनके अनगिनत चाहने वाले शोक में डूब गए। उनके निधन के साथ ही बरेली से जुड़ी उनकी यादें भी ताजा हो गई हैं। फिल्म जगत में ऊंचा मुकाम हासिल करके लाखों-करोड़ों के दिलों पर राज करने वाले दिलीप कुमार जैसी एक बड़ी शख्सियत किस तरह से ग्लैमर से दूर थी, इसके गवाह रहे हैं कि स्व. पंडित धर्मदत्त वैद्य और उनका परिवार।
वैद्य जी परिवार के सदस्यों का कहना है कि करीब 50 साल पहले दिलीप कुमार जब उनके घर आए थे तो उस समय उनकी सादगी और सरल व्यवहार को देखकर सभी अचरज मान रहे थे। दिलीप कुमार ने वैद्य जी के घर के आंगन में एक सामान्य से तख्त पर बैठकर दाल, चावल, भिंडी जैसा सादा भोजन किया। बाद में उन्होंने मिक्स चाट भी उसी तख्त पर बैठकर खायी थी।
स्वर्गीय पंडित धर्मदत्त वैद्य का मकान प्रेमनगर में उनके धर्मदत्त सिटी अस्पताल के पीछे बना है। वर्ष 1970 में लखनऊ से दिल्ली जाने के दौरान दिलीप कुमार ने पंडित धर्मदत्त वैद्य को फोन किया था कि वह बरेली से होकर निकलेंगे। कुछ देर के लिए वह उनके घर आएंगे। वैद्य जी परिवार के लोगों का कहना है कि दिलीप कुमार जैसे दिग्गज अभिनेता के उनके घर आने की सूचना मिलने पर एकाएक यकीन नहीं हुआ। उन दिनों धर्मदत्त वैद्य की राजनीति में अच्छी दखल थी और वे जब भी मुंबई जाते थे तो दिलीप कुमार से मिलकर आते थे।
इसके चलते दिलीप कुमार और धर्मदत्त वैद्य के बीच एक घनिष्ठा थी। शायद यही वजह थी कि बरेली से निकलते वक्त उन्होंने धर्मदत्त वैद्य को याद किया था। धर्मदत्त वैद्य के परिजनों ने दिलीप कुमार के आने की बेहद पुरानी बात को याद करते हुए बताया कि इस दिग्गज अभिनेता को जब तक नहीं देखा था, तब तक उनके ग्लैमर को लेकर दिमाग में तमाम तरह के ख्यालात आ रहे थे लेकिन उनसे मिलने के बाद पूरी धारणा ही बदल गई। दिलीप कुमार बहुत शालीन और सरल स्वभाव के थे।
फिल्मी जगत की चकाचौंध उनसे कोसों दूर थी। उनके बेहद सरल होने का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने घर आने के बाद बहुत साधारण खाना दाल, चावल, भिंडी की सब्जी और रोटी खाई। यह खाना भी उन्होंने वैद्य जी के परिवार के साथ घर के आंगन में पड़े तख्त पर बैठकर खाया। स्व. धर्मदत्त वैद्य के पौत्र डॉ. अनुपम शर्मा बताते हैं कि जिस समय दिलीप कुमार आए उनके पिता भूपेंद्र नाथ शर्मा और उनके भाई निरूपम भी मौजूद थे। दिलीप कुमार करीब दो घंटे घर पर रुके थे। इस दौरान उन्होंने परिवार और आसपड़ोस से एकत्र हो गए लोगों के साथ बहुत ही प्रेम से बात की। डॉ. अनुपम शर्मा कहते हैं कि वो अद्भुत क्षण उनके परिवार को हमेशा याद रहेंगे।
भारत रत्न से सम्मानित हो दिलीप कुमार : जिलानी
बरेली। अभिनेता दिलीप कुमार को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया जाए। देशवासियों की ओर से अभिनेता को यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी। आरटीआई कार्यकर्ता मोहम्मद खालिद जिलानी ने इसे अपने अपने स्वीटर पर भी शेयर किया है। उनका कहना है कि जिस अभिनेता ने देश-दुनिया में नाम रौशन किया तो उन्हें यह सम्मान तो मिलना ही चाहिए।
फैन क्लब ने अभिनेता को याद कर श्रद्धांजलि दी
बरेली। अभिनेता दिलीप कुमार के निधन को लेकर फैन क्लब ने अपने कार्यालय पर शोकसभा की और अभिनेता को याद कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। इस मौके पर क्लब के निदेशक एमए जावेद अंसारी, ऊषा शर्मा, रविंद्र खंडेलवाल, राजेश कुमार, जुल्फीकार सिद्दीकी सहित कई सदस्यों ने अभिनेता दिलीप कुमार को याद किया।
