बरेली: पूर्वोत्तर रेलवे के अस्पताल हुए एचएमआईएस से लैस

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बरेली, अमृत विचार। ललित नारायण मिश्र रेलवे चिकित्सालय गोरखपुर में बुधवार को पूर्वोत्तर रेलवे के सभी चिकित्सालयों में पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक विनय कुमार त्रिपाठी ने हॉस्पिटल मैनेजमेंट इन्फार्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस) की शुरुआत की। तीनों मंडलों के चिकित्सालयों, उप मंडलीय चिकित्सालय/गोंडा समेत 26 स्वास्थ्य इकाइयों में भी रेल टेल द्वारा क्रियान्वित चिकित्सालय प्रबंधन सूचना प्रणाली …

बरेली, अमृत विचार। ललित नारायण मिश्र रेलवे चिकित्सालय गोरखपुर में बुधवार को पूर्वोत्तर रेलवे के सभी चिकित्सालयों में पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक विनय कुमार त्रिपाठी ने हॉस्पिटल मैनेजमेंट इन्फार्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस) की शुरुआत की। तीनों मंडलों के चिकित्सालयों, उप मंडलीय चिकित्सालय/गोंडा समेत 26 स्वास्थ्य इकाइयों में भी रेल टेल द्वारा क्रियान्वित चिकित्सालय प्रबंधन सूचना प्रणाली लागू हो गई है। इसके साथ ही पूर्वोत्तर रेलवे संपूर्ण भारतीय रेल का पहला क्षेत्रीय रेल बना, जहां सभी केंद्रीय, मंडलीय, उप मंडलीय चिकित्सालयों एवं स्वास्थ्य इकाइयों में यह प्रणाली लागू हुई है।

महाप्रबंधक बताया कि चिकित्सा डेटा का डिजिटलीकरण रेलवे स्वास्थ्य सेवा लाभार्थियों के लिए यूनिक मेडिकल आईडी आधारित ऑनलाइन चिकित्सा व्यवस्था है। इसके जरिए संपूर्ण भारतीय रेलवे से डाक्टर जरूरत पड़ने पर एक दूसरे से संपर्क कर सकते हैं। रेलवे के एचएमआईएस एप के जरिए मरीज वर्चुअल परामर्श ले सकेंगे।

उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे के विभिन्न चिकित्सालयों में उच्चकोटि के विशेषज्ञ डाॅक्टर उपलब्ध हैं, जिनकी सेवायें इस माध्यम से ली जा सकती हैं। श्री त्रिपाठी ने कहा कि एच.एम.आई.एस. के साथ एकीकृत रेलवेज एच.एम.आई.एस. एप के माध्यम से रोगी वर्चुअल परामर्ष प्राप्त करने में सक्षम हो सकेंगे, जिससे न केवल उनकी कोविड से सुरक्षा होगी बल्कि अस्पताल आगमन भी कम होगी । उन्होंने इसकी सराहना करते हुये सभी को बधाई दी तथा उम्मीद जताई कि यह सिस्टम अपनी ऊंचाइयों पर जायेगा ।

प्रमुख मुख्य सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियर श्री अनिल कुमार मिश्र ने कहा कि रेलटेल ने काफी मेहनत करके इस प्रणाली को विकसित किया है। यह प्रणाली पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय, मंडलों सहित 26 स्वास्थ्य इकाईयों में एक साथ शुरू किया गया है। इससे मरीज को कहीं भी उपचार कराने में आसानी होगी। कार्यकारी निदेषक/उत्तर रेलवे, रेलटेल श्रीमती विजय लक्ष्मी ने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से हर्ष व्यक्त करते हुये कहा कि इस प्रणाली की शुरूआत लखनऊ मंडल से हुई थी, परन्तु बाकी जगहों पर यह सुविधा नही थी। अब यह सम्पूर्ण पूर्वोत्तर रेलवे पर लागू हो गई है।

चिकित्सा निदेषक डॉ. कुमार उमेष ने सभी का स्वागत करते हुये कहा कि एच.एम.आई.एस.डिजिटल रूप में मरीजों का डेटा रिकार्ड रहता है, जिसमें विभिन्न प्रकार की जांच, रोग, उपचार एवं दवाईयां आदि सभी का विवरण रहता है। इसके माध्यम से रेलवे चिकित्सा सुविधा का दुरूपयोग नही हो पाता है तथा मरीज कहीं भी उपचार ले सकता है। एच.एम.आई.एस. जहाँ एक ओर रेलवे लाभार्थी की मूलभूत जरूरतों को पूरा करने हेतु सम्पूर्ण डेटा आसानी से उपलब्ध होगा, वहीं दूसरी ओर चिकित्सक बेहतर इलाज करने में सक्षम होंगे तथा प्रषासन व्यवस्थित डेटा के साथ बेहतर निर्णय लेने में सक्षम होंगे।

एच.एम.आई.एस. की स्थापना रेलटेल कारपोरेषन ऑफ इण्डिया द्वारा किया गया है, जिसमें सभी डाॅक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों को विभिन्न तरह के ऑनलाइन माड्यूल्स उपलब्ध कराये गये हैं, ताकि रोगियों को हर प्रकार से सेवायें सुनिष्चित की जा सकें। इसी एप पर रोगी अपना पंजीकरण, डाॅक्टर का पर्चा, लैब रिपोर्ट आदि भी देख सकते हैं। इसमें यू.एम.आई.डी. अथवा पी.एफ.नम्बर अथवा मोबाइल नम्बर अथवा आधार नम्बर से भी रजिस्ट्रेषन किया जा सकता है। इस एप की मदद से ऐसे मरीज जो अस्पताल नहीं आ सकते, उन्हें टेली कांफ्रेंसिंग के माध्यम से भी परामर्ष दिया जा सकेगा । एक बार रजिस्ट्रेषन हो जाने के बाद मरीज का डेटा तैयार हो जाता है, जिससे वह कभी भी, कहीं भी उपचार करा सकता है।

महाप्रबन्धक/रेल टेल श्री दीपू श्याम ने कहा कि भारतीय रेलवे पर 151 अस्पतालों पर इसे लागू किया जाना है। भारतीय रेलवे में अस्पताल संचालन को निर्बाध बनाने के लिये अस्पताल प्रबन्धन को एक ही संरचना पर लाने के उद्देष्य यूनिक मेडिकल आई.डी. (यू.एम.आई.डी.) आधारित अस्पताल प्रबन्धन सूचना प्रणाली (एच.एम.आई.एस.) के कार्यान्वयन का निर्णय लिया।

विभागों और प्रयोगषालाओं का डेटा, एक से अधिक अस्पताल के क्रास परामर्ष का डेटा, की गई चिकित्सा आदि रोगियों को अपने मोबाइल डिवाइस पर प्राप्त होगा । एच.एम.आई.एस. के करीब 20 माड्यूल हैं। इनमें पंजीकरण, क्लीनिकल, प्रषासनिक, रोगी सेवायें और सहायक माड्यूल्स जैसे ओ.पी.डी., आई.पी.डी, लैब्स, जांचे, फार्मेंसी, रेफरल, मेडिकल परीक्षा, सिक फिट सर्टीफिकेषन तथा मेडिकल दावों की प्रतिपूर्ति आदि शामिल हैं।

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