बरेली: आय-व्यय का मांगा रिकॉर्ड, राजनीतिक दलों में खलबली

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बरेली, अमृत विचार। जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव खत्म होने के बाद अब राजनीतिक दल ब्लॉक प्रमुख की तैयारी में लगे हैं। इसको लेकर जोर आजमाइश शुरू हो गई है। अब निर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष और सदस्य पद के प्रत्याशियों के आय-व्यय का ब्योरा जुटाया जा रहा है ताकि चुनाव आयोग से निर्धारित खर्च के …

बरेली, अमृत विचार। जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव खत्म होने के बाद अब राजनीतिक दल ब्लॉक प्रमुख की तैयारी में लगे हैं। इसको लेकर जोर आजमाइश शुरू हो गई है। अब निर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष और सदस्य पद के प्रत्याशियों के आय-व्यय का ब्योरा जुटाया जा रहा है ताकि चुनाव आयोग से निर्धारित खर्च के अलावा कितनी धनराशि खर्च की गई इसका सही आंकलन हो सके। नाम नहीं छापने की शर्त पर आयकर विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इसके लिए अधिकारियों की अलग से टीमें लगाई गई हैं। इससे सियासी गलियारों में हड़कंप मचा है। चुनावी खर्च का हिसाब न देना उनको भारी पड़ सकता है।

जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव होने के पहले ही सियासी गलियारों में वोटों के खरीद-फरोख्त की चर्चाएं प्रबल थीं। तब चर्चा थी कि एक वोट के लिए 15-20 लाख रुपये दिया गया था। बाद में यह आंकड़ा 25 लाख रुपये तक पहुंच गया था। आयकर विभाग इस खरीद-फरोख्त के मामले को नए नजरिए से देख रहा है।

इस कारण विभाग ने अध्यक्ष पद के दोनों दावेदारों के साथ ही जिला पंचायत सदस्यों से चुनाव में होने वाले खर्च का हिसाब-किताब मांगा है। हालांकि आयकर विभाग भी अपने स्तर से पंचायत चुनाव के खर्च का ब्योरा जुटा रहा है। बैंक खातों के हर ट्रांजेक्शन के सत्यापन के लिए टीमें भी लगाई गई हैं।

इसके अलावा जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान पंचायत सदस्यों को कई दिनों तक होटलों में ठहराया गया था। दोनों ही दलों ने सदस्यों को दूसरे राज्यों में सैर सपाटा के लिए कई दिन तक के लिए भेजा था। आयकर विभाग की टीम पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान शहर के होटलों का भी रिकार्ड खंगालेगी। सदस्यों को ठहराने में होने वाले खर्चों का ब्योरा भी जुटाया जा रहा है। उम्मीद है कि 15 दिन के भीतर विभाग सारी जानकारी जुटा लेगा।

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