रुद्रपुर: बात बनी तो हजारों परिवार को मिल जाएगा मालिकाना हक

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अमृत विचार, रुद्रपुर। खटीमा विधायक पुष्कर सिंह धामी के राज्य के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण करने के साथ ही नजूल नीति मामले का जल्द निस्तारण हो सकता है। क्षेत्रीय विधायक राजकुमार ठुकराल के आग्रह पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मुद्दे को आगामी कैबिनेट की बैठक में रखने का आदेश जारी …

अमृत विचार, रुद्रपुर। खटीमा विधायक पुष्कर सिंह धामी के राज्य के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण करने के साथ ही नजूल नीति मामले का जल्द निस्तारण हो सकता है। क्षेत्रीय विधायक राजकुमार ठुकराल के आग्रह पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मुद्दे को आगामी कैबिनेट की बैठक में रखने का आदेश जारी कर दिया है।

देहरादून में नये मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान विधायक राजकुमार ठुकराल ने वर्षों से लंबित नजूल भूमि के मुद्दे को उठाते हुए उन्हें ज्ञापन सौंपकर नई नजूल नीति के लिए अध्यादेश लाने की मांग की। ज्ञापन में विधायक ठुकराल ने कहा कि वर्तमान में राज्य में कोई नजूल नीति प्रभावी नहीं होने के कारण मलिन बस्तियों और नजूल भूमि में काबिज हजारों परिवारों को मालिकाना हक प्राप्त नहीं हो पा रहा है। प्रधान मंत्री आवास योजना के अंतर्गत वर्ष 2020 तक समस्त परिवारों को पक्का आवास दिए जाने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन जनपद उधम सिंह नगर के रुद्रपुर नगर निगम क्षेत्र में आज भी सैकड़ों परिवार इस आधार पर कि उनके पास भूमि का मालिकाना हक नहीं है। उक्त योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। वर्ष 2013 में एक जनहित याचिका में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा नजूल भूमि पर काबिजों को हटाए जाने के आदेश जारी किए गए थे।

बाद में मामला उच्चतम न्यायालय में उठाये जाने के बाद नजूल भूमि पर बसे लोगों को राहत मिल गई। लेकिन उक्त काबिज परिवारों को राज्य सरकार व भारत सरकार की आवास प्रदान किए जाने की नीति का लाभ दिए जाने हेतु मालिकाना हक नहीं दिया जाता है तो फिर से ऐसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिसके चलते जनहित में तत्काल प्रभावी नजूल नीति प्रख्यापित करना जरूरी है।
विधायक ठुकराल ने कहा माननीय उच्च न्यायालय द्वारा 2018 में दिये गए अपने आदेश में राज्य सरकार को भविष्य में किसी प्रकार की नीति प्रख्यापित न किये जाने के निर्देश दिये हैं जिससे विधायिका के संवैधानिक अधिकारों पर प्रश्न चिन्ह लगा है। संविधान में मंत्रीमंडल को विशेष अधिकार प्राप्त है और संवैधानिक दायरे में रहते हुए मंत्री मण्डल और विधायिका कानून बनाने का अधिकार रखती है।

न्यायालय के आदेश 2018 से पूर्व ही राज्य सरकार कैबिनेट द्वारा नवीन नजूल नीति अनुमोदित की जा चुकी है जिसका मात्र प्रख्यापन होना अवशेष है। विधायक ठुकराल ने कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन याचिकाओं के निर्णय के अधीन रहते हुए मंत्री मण्डल की आगामी बैठक में वर्ष 2018 में मंत्री मण्डल द्वारा अनुमोदित नजूल नीति 2018 को लागू किए जाने का निर्णय लेकर व्यापक जनहित में नीति को लागू किया जाए।

यदि नजूल नीति 2009 तथा नजूल नीति 2018 को उच्च न्यायालय के आदेश पर प्रभावी नहीं किया जा सकता तो यह विचार किया जाना आवश्यक है कि माननीय उच्चतम न्यायालय में याचिकाओं के अंतिम निस्तारण तक वर्ष 2005 की नजूल नीति को सुधार के साथ लागू किये जाने का निर्णय आगामी मंत्रीमंडल की बैठक में लिया जाए, जिसके तहत प्रधान मंत्री आवास योजना के पात्र व्यक्ति अथवा बीपीएल श्रेणी के ऐसे व्यक्ति जिनके पास आवास हेतु अन्य कोई अतिरिक्त भूमि न हो को 50 वर्ग मीटर आवासीय भूमि निशुल्क फ्रीहोल्ड की सुविधा दी जाए।

साथ ही फ्रीहोल्ड हेतु सर्किल रेट आवदेन की तिथि को प्रभावी सर्किल रेट के आधार पर निर्धाारित किया जाए। वहीं,  जिनका आवेदन पूर्व से लंबित है और 25 प्रतिशत धनराशि जमा की जा चुकी हो, ऐसे आवेदकों को शेष धनराशि को आवेदन की तिथि पर प्रभावी सर्किल रेट आधार पर अवशेष धनराशि जमा करने हेतु छह माह का समय प्रदान किया जाए। विधायक ठुकराल के आग्रह पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उक्त मुद्दे को आगामी कैबिनेट की बैठक में रखने के आदेश जारी कर दिए हैं।