मुरादाबाद: कर्मभूमि एक्सप्रेस मामले में लापरवाही दो बालिगों को बना दिया नाबालिग, निर्दोष को भेजा जेल

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मुरादाबाद,अमृत विचार। कर्मभूमि एक्सप्रेस में मानव तस्करी के शक में उतारे गए 38 नाबालिग के सफल रेस्क्यू पर भले ही जीआरपी अपनी पीठ थपथपा रही है। लेकिन, जीआरपी व रेलवे चाइल्ड लाइन की ओर से पूछताछ में बरती गई लापरवाही का खामियाजा दो बालिगों के साथ ही निर्दोष होते हुए भी तस्करी के आरोप में …

मुरादाबाद,अमृत विचार। कर्मभूमि एक्सप्रेस में मानव तस्करी के शक में उतारे गए 38 नाबालिग के सफल रेस्क्यू पर भले ही जीआरपी अपनी पीठ थपथपा रही है। लेकिन, जीआरपी व रेलवे चाइल्ड लाइन की ओर से पूछताछ में बरती गई लापरवाही का खामियाजा दो बालिगों के साथ ही निर्दोष होते हुए भी तस्करी के आरोप में एक जेल भेज दिया गया।

रविवार को न्यायालय में नाबालिग की ओर से बालिग होने के साक्ष्य जब पेश किए गए तो अधिकारी एक दूसरे की बगले झांकते नजर आए। वहीं आरोपी बनाएं गए मजदूर के भाई की पत्नी ने जीआरपी पर बिना जांच किए जेल भेजने का आरोप लगाया है। जिसके चलते रेस्क्यू किए नाबालिगों में से दो के बालिग निकलने व निर्दोष को जेल भेजने के मामले में जीआरपी और बाल संरक्षण आयोग के प्रदेश व राष्ट्रीय उच्चाधिकारियों से संज्ञान लेकर कार्रवाई को कहा है।

बता दें कि एक जुलाई को बिहार के कटिहार से पंजाब जा रही कर्मभूमि एक्सप्रेस में मानव तस्करी की सूचना पर जीआरपी ने मुरादाबाद में 82 लोगों को उतारा गया था। पूछताछ के बाद जीआरपी ने 38 को नाबालिग बताते हुए रेलवे चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर दिया था। जब इन नाबालिगों को सीडब्लूसी के सामने पेश किया गया तो दो दिन में पेश हुए नाबालिगों में दो लड़के बालिग निकले, जिसमें एक इंटर पास निकला, तो वहीं रविवार को पेश हुआ छोटू कुमार सिंह भी प्रमाण पत्र के हिसाब से बालिग पाया गया।

बालिग नाबालिग कैसे बन गए, यह जांच का विषय है। लेकिन, नाबालिगों से की गई पूछताछ में बरती गई लापरवाही जीआरपी की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रही है। यदि शुरूआत में ही ठीक से पूछताछ की जाती तो शायद बालिगों को चाइल्ड लाइन में नही रहना पड़ता। सीडब्लूसी के अध्यक्ष गुलजार अहमद ने कहा कि वह इस मामले को जीआरपी के उच्चाधिकारी व प्रदेश व राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को पत्र भेजकर इसके लिए दोषियों पर कार्रवाई को कहेंगे।

निर्दोष को भेज दिया गया जेल
सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष गुलजार अहमद ने बताया कि जीआरपी की ओर से एक ओर बड़ी लापरवाही की गई। जिसमें निर्दोष को ही तस्करी के आरोप में जेल भेज दिया गया। बताया कि दुलाल शर्मा पुत्र फोंश शर्मा निवासी दहनिया थाना आजमनगर जिला कटिहार (बिहार) अपने ताऊ के बेटे क्रीश कुमार को लेकर अमृतसर जा रहा था।

शुरूआती पूछताछ में वह घबरा गया और कुछ बता नही पाया। जिसके चलते जीआरपी ने उसे जेल भेज दिया। जबकि रविवार को क्रीश कुमार की मां चारथो देवी ने मुरादाबाद पहुंचकर उनके जेठ दुलाल शर्मा को बेवजह जेल भेजने का आरोप लगाया है। चारथो देवी ने बताया कि दुलाल शर्मा के साथ क्रीश को उन्होंने ही भेजा था तो फिर उन्हें जेल किस आधार पर भेज दिया गया।

रेलवे चाइल्ड लाइन ने लौटाई मुस्कान
रविवार को भी शोभना ग्रामोद्योग संस्था की ओर से संचालित रेलवे चाइल्ड लाइन की ओर से बच्चों की मुस्कान फिर से लौटाई गई। रेलवे चाइल्ड लाइन के को-ऑर्डिनेटर एमए फारूखी ने बताया कि रविवार को तीन नाबालिगों को घर के लिए रवाना किया गया। अब सभी नाबालिग अपने घर जा चुके हैं।

अध्यक्ष, बाल संरक्षण आयोग डा. विशेष गुप्ता ने बताया कि ट्रेन से बरामद किए गए नाबालिगों में से दो बालिग मिलने की जानकारी मिली है। जिसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की जाएगी। बालिगों को नाबालिग बताकर पेश करने के मामले की जांच कराई जाएगी। मामले में जो भी दोषी होगी उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

एसपी रेलवे अर्पणा गुप्त ने कहा कि प्राथमिक जांच में 38 नाबालिग निकले थे। पूरी जांच पड़ताल के बाद ही तीन दोषियों को जेल भेजा गया था। अभी भी मामले में जांच जारी है। अब परिजन आकर आरोपी के निर्दोष होने का दावा कर रहे हैं तो मामले की जांच कराई जाएगी।

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