बरेली: ऑनलाइन होंगी प्रवेश परीक्षाएं, महाविद्यालय में सीधे होंगे दाखिले
बरेली, अमृत विचार। महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय आगामी सत्र 2020-21 में सभी प्रवेश परीक्षाएं ऑनलाइन आयोजित कराएगा। महाविद्यालय सीधे स्नातक और स्नातकोत्तर में प्रवेश ले सकेंगे। कुलपति प्रो. केपी सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रवेश से जुड़े प्रस्तावों को पास कर दिया गया। नई शिक्षा नीति के तहत नई प्रवेश नियमावली को …
बरेली, अमृत विचार। महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय आगामी सत्र 2020-21 में सभी प्रवेश परीक्षाएं ऑनलाइन आयोजित कराएगा। महाविद्यालय सीधे स्नातक और स्नातकोत्तर में प्रवेश ले सकेंगे। कुलपति प्रो. केपी सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रवेश से जुड़े प्रस्तावों को पास कर दिया गया। नई शिक्षा नीति के तहत नई प्रवेश नियमावली को भी लागू कर दिया गया है। प्रवेश परीक्षाओं के लिए आवेदन 5 जुलाई से खोले जा सकते हैं।
प्रवेश समिति की बैठक में 21 दिसंबर 2020 के कार्यवृत्ति का अनुमोदन किया गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित होने वाली एमएससी, एमएड, एलएलएम, एलएलबी, बीएलएड समेत 21 तरह की सभी प्रवेश परीक्षाएं ऑनलाइन आयोजित की जाएंगी। अभी तक ईडब्ल्यूएस कोटे से संबंधित प्रावधानों को शासनादेश के तहत लागू किया जा रहा था लेकिन अब असे प्रवेश नियमावली 2020-21 में भी शामिल किया गया है।
अभी तक महाविद्यालयों में प्रवेश से पहले छात्रों को विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर पंजीकरण कराना आवश्यक होता था जब तक पंजीकरण नहीं होता तब तक छात्र का प्रवेश नहीं होता था। कई छात्र बिना पंजीकरण के महाविद्यालय में प्रवेश ले लेते थे। महाविद्यालयों द्वारा भी छात्रों को विश्वविद्यालय में पंजीकरण की जानकारी नहीं दी जाती थी। ऐसे में जब छात्र परीक्षा फार्म भरते थे तो उनके सामने परेशानी आती थी। पिछले वर्ष भी सैकड़ों छात्रों को दिक्कत हुई थी।
जिसके बाद विश्वविद्यालय ने महाविद्यालयों को विलंब शुल्क के साथ पंजीकरण कराने का आदेश दिया था। अब इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। नई व्यवस्था के तहत महाविद्यालय सीधे छात्रों का प्रवेश ले सकेंगे। छात्र को विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर पंजीकरण नहीं कराना होगा जब महाविद्यालयों में प्रवेश पूरे हो जाएंगे तो महाविद्यालयों को सभी छात्रों का रिकॉर्ड विश्वविद्यालय को देना होगा और उसे ही छात्र का पंजीकरण विश्वविद्यालय में कराना होगा। बैठक में कृषि संकायाध्यक्ष डॉ. एसएल पाल, संकायाध्यक्ष विधि डॉ अमित सिंह, कुलसचिव डॉ राजीव कुमार, संकायाध्यक्ष इंजिनीयरिंग प्रो. एस के पांडे, संकायाध्यक्ष प्रबंधन प्रो. संजय मिश्रा, संकायाध्यक्ष विज्ञान प्रो. बृजेश त्रिपाठी, संकायाध्यक्ष शिक्षा प्रो. नलिनी श्रीवास्तव, जनार्दन राव, डीपी पांडे, सुधाकर मौर्य एवं तपन वर्मा उपस्थित रहे।
भारांक की समस्या का होगा समाधान
प्रवेश के दौरान छात्रों को एनएसएस, एनसीसी व अन्य प्रमाण पत्र के भारांक दिए जाते थे। अभी सीधे अंक जोड़ दिए जाते थे लेकिन अलग-अलग पाठ्यक्रम से जुड़े छात्रों को परेशानी होती थी और उनकी मेरिट नीचे रह जाती थी। किसी पाठ्यक्रम में कुल अंक 1200 में तो किसी के कुल अंक 2300 के आधार पर बनते थे। इससे भी परेशानी होती थी। एलएलबी में प्रवेश के दौरान अक्सर समस्याएं आती थीं। बरेली कॉलेज में इसको लेकर कई बार फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर भी प्रवेश के मामले सामने आए थे। प्रवेश समिति की बैठक में इस समस्या के समाधान के लिए नए नियम बनाए गए हैं। अब भारांक व गुणांक के आधार पर अंक दिए जाएंगे। इसको लेकर जल्द ही एक समिति बनायी जाएगी और भारांक के नए नियम लागू कर दिए जाएंगे।
प्रवेश परीक्षा के बाद नहीं होगी काउंसिलिंग
विश्वविद्यालय के द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षाओं के बाद काउंसिलिंग आयोजित करायी जाती थी लेकिन अब विश्वविद्यालय काउंसिलिंग नहीं कराएगा। प्रवेश परीक्षा में अंक पाने वाले छात्रों का डाटा सीधे महाविद्यालयों को भेज दिया जाएगा। महाविद्यालय उसी आधार पर मेरिट तैयार कर प्रवेश ले सकेंगे। प्रवेश परीक्षा को भी अधिक दिनों तक लंबा नहीं खींचा जाएगा।
मेरिट से भी प्रवेश में समय की बाध्यता खत्म
अभी तक विश्वविद्यालय के द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षाओं में कोई भी छात्र परीक्षा देकर प्रवेश दे सकता था। उसके लिए पढ़ाई छोड़े हुए वर्षों यानी गैपिंग का कोई नियम नहीं था। अब विश्वविद्यालय ने नई शिक्षा नीति के तहत इसमें भी बदलाव कर दिया है। अब मेरिट के तहत महाविद्यालयों में होने वाले प्रवेश में भी छात्र कभी भी प्रवेश ले सकेगा। पहले इसके लिए अधिकतम तीन वर्ष का नियम था। अब यदि किसी ने पांच या 10 साल पहले 12वीं की पढ़ाई की हो तो वह स्नातक में कभी भी प्रवेश ले सकेगा। इसी तरह से स्नातक करने वाला छात्र भी कभी भी परास्नातक में प्रवेश ले सकेगा।
