बरेली: आईटीआर फैक्ट्री की जमीन पर बना दिया शौचालय व डलावघर

बरेली: आईटीआर फैक्ट्री की जमीन पर बना दिया शौचालय व डलावघर

बरेली/सीबीगंज, अमृत विचार। आईटीआर फैक्ट्री की कई बीघा जमीन पर सालों से कब्जा चल रहा है। सुपीरियर फैक्ट्री की दीवार भी आईटीआर फैक्ट्री परिसर में बनी है। यह मामला कई बार अधिकारियों के सामने उठ चुका है लेकिन फैक्ट्री की जमीन संरक्षित करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए। यही वजह है कि इस …

बरेली/सीबीगंज, अमृत विचार। आईटीआर फैक्ट्री की कई बीघा जमीन पर सालों से कब्जा चल रहा है। सुपीरियर फैक्ट्री की दीवार भी आईटीआर फैक्ट्री परिसर में बनी है। यह मामला कई बार अधिकारियों के सामने उठ चुका है लेकिन फैक्ट्री की जमीन संरक्षित करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए। यही वजह है कि इस बार नगर निगम ने आईटीआर फैक्ट्री जमीन पर निर्माण कराकर कब्जा करने की कोशिश की।

सही समय पर फैक्ट्री की जमीन पर सुलभ शौचालय का निर्माण कराने और डलावघर बनाने का मामला मंडलायुक्त/प्रबंध निदेशक आर रमेश कुमार तक पहुंच गया तो जमीन घिरने से बच गई। मंडलायुक्त ने नाराजगी जताते हुए सुलभ शौचालय का निर्माण कार्य रुकवा दिया। शौचालय और डलावघर को हटवाने के निर्देश दिए। मंडलायुक्त की आपत्ति के बाद नगर निगम ने सुलभ शौचालय हटवाने की तैयारी शुरू कर दी है। दूसरी जगह जमीन देख रहे हैं।

आईटीआर फैक्ट्री की भूमि पर बनाया गया सुलभ शौचालय।

सीबीगंज के पस्तौर गांव जाने वाली रोड पर आईटीआर फैक्ट्री की बेशकीमती जमीन खाली पड़ी है जिस पर नगर निगम ने बिना मंडलायुक्त की अनुमति लिए लाखों रुपए खर्च कर डलावघर के साथ सुलभ शौचालय बनवा दिया। नगर निगम द्वारा बनाए कूड़ाघर व शौचालय की जानकारी आईटीआर के पूर्व कर्मचारियों को लगी तो उन्होंने मंडलायुक्त से शिकायत की। इसके बाद दोनों निर्माण कार्य तत्काल रुकवा दिए गए।

मंडलायुक्त के फटकार लगाने के बाद नगर निगम बैकफुट पर आ गया। अधिकारी निर्माणाधीन सुलभ शौचालय को शिफ्ट करने की बात कह रहे हैं। बताते हैं कि शौचालय और डलावघर के निर्माण में लाखों रुपए खर्च किए जा चुके हैं। पहले निगम के कर्मचारियों ने डलावघर पर स्थायी डलावघर लिखवाया। बाद में अस्थायी लिखवा दिया।

सुलभ शौचालय को हटाया जाएगा
पर्यावरण अभियंता नगर निगम संजीव प्रधान ने बताया कि सीबीगंज की पस्तौर रोड पर आईटीआर की फैक्ट्री की जमीन पर बनाए जा रहे निर्माणाधीन सुलभ शौचालय को वहां से हटाया जाएगा। जगह देखी जा रही है। शौचालय का भुगतान अभी ठेकेदार को नहीं किया गया है। जबकि डलाव घर आस्थायी बना हुआ है।