बरेली: खुद की कंपनी बनाकर आय बढ़ा सकेंगे किसान
बरेली, अमृत विचार। सरकार ने किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए नई पहल शुरू की है। अब छोटी जोत वाले किसान कृषि उत्पादक संगठन (कंपनी या एफपीओ) बनाकर अपनी आमदनी बढ़ा सकेंगे। इस व्यवस्था से जहां किसानों के उत्पाद पर बिचौलिये की नहीं चलेगी। दूसरी तरफ किसान स्वतंत्र होकर बेहतर बाजार मूल्य पर …
बरेली, अमृत विचार। सरकार ने किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए नई पहल शुरू की है। अब छोटी जोत वाले किसान कृषि उत्पादक संगठन (कंपनी या एफपीओ) बनाकर अपनी आमदनी बढ़ा सकेंगे। इस व्यवस्था से जहां किसानों के उत्पाद पर बिचौलिये की नहीं चलेगी। दूसरी तरफ किसान स्वतंत्र होकर बेहतर बाजार मूल्य पर अपने उत्पाद को कहीं भी बेच पाएंगे। इससे उनके सपनों को पंख लगेंगे।
सरकार ने हर ब्लॉक में एक-एक एफपीओ के गठन का लक्ष्य रखा है। इसको तैयार करने की जिम्मेदारी वैसे तो कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण को दी गई है। विभागीय अधिकारी बताते हैं कि कृषि उत्पादन संगठन या कंपनी के लिए कम से कम दस किसानों का सदस्य होना जरूरी है। पंजीकरण के लिए इन सभी किसानों के पैन कार्ड, आधार कार्ड, पासबुक, फोटो, खतौनी, मोबाइल नंबर, ई-मेल, जमा विद्युत बिल की कॉपी देनी है। लक्ष्य के सापेक्ष क्यारा, भुता, नवाबगंज, फतेहगंत पश्चिमी समेत नौ ब्लॉकों में एफपीओ तैयार हो चुके हैं।
कृषि विशेषज्ञ डा. हरीश कुमार बताते हैं कि जिले में करीब साढ़े चार लाख किसान तीन लाख से अधिक हेक्टेयर क्षेत्रफल में खेती करते हैं। इनमें से 80 फीसदी से अधिक ऐसे हैं, जो छोटी जोत वाले हैं। इन्हें पैदावार का उचित मूल्य नहीं मिल पाता। यही किसान जब एफपीओ बनाकर अपने उत्पाद का प्रसंस्करण कर बिक्री करेंगे तो अधिक आय होगी।
जिले के टॉप किसानों उत्पादक संगठन
- क्यारा एफपीओ : इस कंपनी में अभी 200 सौ से अधिक किसान जुड़ चुके हैं।
- भुता एफपीओ: किसानों ने इस कंपनी की स्थापना की है। इसमें अभी 225 किसान शामिल हो चुके हैं।
- नवाबगंज एफपीओ: किसानों द्वारा स्थापित इस एफपीओ में अभी 250 किसानों ने अपना निबंधन कराया है।
- फतेहगंज पश्चिमी: इन दो एफपीओ में करीब 425 किसान जुड़े हैं। धान केंद्र खोलने के लिए इस कंपनी का गठन किया है।
क्या होता है एफपीओ
एफपीओ यानी किसान उत्पादक संगठन (कृषि उत्पादक कंपनी) किसानों का एक समूह जो कृषि उत्पादन कार्य में लगा हो। कृषि से जुड़ी व्यवसायिक गतिविधियां चलाएगा। एक समूह बनाकर कंपनी एक्ट में रजिस्टर्ड करवा सकते हैं।
एफपीओ के ये हैं फायदे
एफपीओ से जुड़े किसानों को न सिर्फ अपनी उपज का बाजार मिलेगा बल्कि खाद, बीज, दवाइयां और कृषि उपकरण आदि खरीदना आसान होगा। अन्य सेवाएं सस्ती मिलेंगी। बिचौलियों के मकड़ज़ाल से मुक्ति मिलेगी। उनकी आमदनी बढ़ेगी।
