हल्द्वानी: पीड़ितों के लिए बढ़ता जा रहा न्याय का इंतजार, राज्य में एक साल से लंबित 573 विवेचनाओं ने बढ़ाई डीजीपी की चिंता

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हल्द्वानी, अमृत विचार। उत्तराखंड में 573 पुलिस जांचें पिछले एक साल से लंबित हैं और इन लंबित जांचों के चलते न्याय में भी देरी हो रही है। डीजीपी अशोक कुमार ने इस पर चिंता जताई है। इसलिए पहली जुलाई से राज्य भर में लंबित विवेचनाओं के निस्तारण का अभियान चलाया जाएगा। डीजीपी ने कुमाऊं और …

हल्द्वानी, अमृत विचार। उत्तराखंड में 573 पुलिस जांचें पिछले एक साल से लंबित हैं और इन लंबित जांचों के चलते न्याय में भी देरी हो रही है। डीजीपी अशोक कुमार ने इस पर चिंता जताई है। इसलिए पहली जुलाई से राज्य भर में लंबित विवेचनाओं के निस्तारण का अभियान चलाया जाएगा। डीजीपी ने कुमाऊं और गढ़वाल के अफसरों को इसके आदेश जारी कर दिए हैं। अगस्त में इस अभियान की समीक्षा भी होगी।

हाल ही में हुई अपराध समीक्षा बैठक में यह तथ्य सामने आया था कि राज्य में काफी संख्या में विवेचनाएं लंबित चल रही हैं। 573 विवेचनाएं साल भर बाद भी पूरी नहीं हो पाई हैं। इसे देखते हुए डीजीपी ने सोमवार को लंबित विवेचनाओं के निस्तारण के संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। उन्होंने कुमाऊं और गढ़वाल के आईजी और डीआईजी को पत्र लिखकर एक माह का विशेष अभियान चलाने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कप्तानों के साथ ही सीओ स्तर के अधिकारियों को मॉनीटरिंग पर खास जोर देने के निर्देश दिए और लंबित विवेचनाओं की पाक्षिक समीक्षा कराने को कहा।

बता दें कि एक साल से लंबित विवेचनाओं के तहत पीड़ितों के लिए न्याय का इंतजार भी बढ़ता जा रहा है। विवेचना पूरी न होने से पीड़ित पुलिस की कार्यप्रणाली से असंतुष्ट हैं। इधर, डीजीपी ने अगस्त के प्रथम सप्ताह में विवेचना अभियान की प्रगति रिपोर्ट भी तलब की है।

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