अल्मोड़ा: अब जागेश्वर धाम में दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु, कोविड प्रोटोकॉल के बीच खोला गया मंदिर

अल्मोड़ा, अमृत विचार। कोविड प्रोटोकॉल के तहत जागेश्वर धाम मंदिर समूह को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिया गया है। दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को मुख्य द्वार पर आधार कार्ड के साथ पंजीकरण कराना होगा। साथ ही मंदिर प्रबंधन को धाम में सैनिटाइजेशन की पर्याप्त व्यवस्था करनी होगी। बीते दिनों जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति …
अल्मोड़ा, अमृत विचार। कोविड प्रोटोकॉल के तहत जागेश्वर धाम मंदिर समूह को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिया गया है। दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को मुख्य द्वार पर आधार कार्ड के साथ पंजीकरण कराना होगा। साथ ही मंदिर प्रबंधन को धाम में सैनिटाइजेशन की पर्याप्त व्यवस्था करनी होगी।
बीते दिनों जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति और उपजिलाधिकारी द्वारा संयुक्त रूप से जिलाधिकारी नितिन भदौरिया को मंदिर खोलने के संबंध में प्रस्ताव दिया था। जिसके बाद जिलाधिकारी द्वारा जागेश्वर मंदिर समूह को कोरोना नियमों का पालन करते हुए क्रमबद्ध तरीके से विभिन्न चरणों में खोलने की अनुमति दे दी है।
अनुमति के बाद विधिवत रूप से मंदिर को दर्शनों के लिए खोल दिया गया है। जागेश्वर प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष भगवान भट्ट ने बताया कि अगर किसी श्रद्धालु में कोरोना के लक्षण जैसे सर्दी, जुकाम, बुखार पाया जाता है तो तत्काल ऐसे व्यक्ति व उसके साथ आए लोगों को प्रवेश से रोक दिया जाएगा और नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र को इसकी जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि मंदिर के दर्शन सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक ही किए जा सकेंगे।
मंदिर दर्शन के दौरान कोई भी पुजारी श्रद्धालुओं के संपर्क में नहीं रहेगा। मंदिर के अंदर जल चढ़ाना, टीका लगाना, घंटी बजाना, प्रसाद लेना और देना पूर्व की तरी प्रतिबंधित रहेगा। गर्भ गृह में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। कोई भी बाहरी सामग्री अंदर नहीं ले जाई सकेगी। जबकि ऑनलाइन पूजा का कार्य पूर्व की तरह चलता रहेगा। जागेश्वर धाम के दर्शन के लिए केवल दस मिनट का समय दिया जाएगा। प्रवेश सीमित और व्यवस्थित रखने के लिए बैरियर बनाए जाएंगे।
धाम में होगी हैंड सैनिटाइजेशन की व्यवस्था
जागेश्वर धाम के दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की हैंड सैनिटाइजेशन की व्यवस्था भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा की जाएगी। श्रद्धालुओं का तापमान भी नापा जाएगा। मंदिर को सप्ताह में दो दिन सैनिटाइज करने की व्यवस्था मंदिर प्रबंधन द्वारा की जाएगी। मंदिर दर्शन की व्यवस्था केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अधीन रहेंगी। नियमों का उल्लघंन करने पर संबंधित के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई भी की जाएगी।