लखीमपुर खीरी: घाघरा ने काट दिया 50 मीटर बंधा घरों के समीप पहुंची

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धौरहरा-खीरी/लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। पहाड़ी व मैदानी इलाकों में बारिश होने के साथ ही जिले की धौरहरा तहसील क्षेत्र में शारदा व घाघरा नदियों ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। घाघरा ने 50 मीटर बंधा काट दिया और घरों के समीप पहुंच गई। रामनगर बगहा में घाघरा नदी ने बीते एक सप्ताह में करीब …

धौरहरा-खीरी/लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। पहाड़ी व मैदानी इलाकों में बारिश होने के साथ ही जिले की धौरहरा तहसील क्षेत्र में शारदा व घाघरा नदियों ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। घाघरा ने 50 मीटर बंधा काट दिया और घरों के समीप पहुंच गई। रामनगर बगहा में घाघरा नदी ने बीते एक सप्ताह में करीब 40 किसानों की फसलों सहित करीब सौ एकड़ जमीन को अपने आगोश में ले लिया है। वहीं रामनगर बगहा के करीब बीस घरों के समीप घाघरा कटान करती हुई पहुंच गई है। नदी का रौद्र रुप देखकर ग्रामीण सहमे हुए हैं। बाढ़ खण्ड भी गाँव बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है । जबकि घाघरा की लहरे थमने का नाम नहीं ले रहीं है।

तहसील क्षेत्र के विकास क्षेत्र रमियाबेहड़ गांव रामनगर बगहा , घोसियाना , गोड़ियन पुरवा , सुजानपुर , मोटेबाबा , बाछेपारा आदि गांवों में घाघरा नदी कटान कर रही है । बीते एक सप्ताह में घाघरा नदी ने गांव के सर्वेश , अनिल कुमार , विमलेश , मनोज , भगौती प्रसाद , हफीज , कमलू , मुक्ता आदि करीब चालीस किसानों की धान व गन्ने की खड़ी फसलें नदी में समा गई है । पीड़ित किसान बताते हैं कि बीते वर्ष भी घाघरा नदी ने अपना रौद्र रूप दिखाकर उनकी कृषि योग्य भूमि को खड़ी फसलों सहित अपने आगोश में ले लिया था । खून पसीने से उगाई गई फसलों को बीते वर्ष भी प्रशासन नहीं बचा सका था । इस बार भी प्रशासन कृषि योग्य भूमि को बचाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है ।

धौरहरा क्षेत्र के रामनगर बगहा में कृषि योग्य भूमि को फसलों सहित काटकर घाघरा नदी गांव के समीप पहुंच गई है। गांव के जगदीश, रामस्वरुप , शारदा , चुन्नीलाल , रामनरेश , विश्राम , भगौती आदि के करीब बीस घर घाघरा नदी के निशाने पर हैं। नदी का भयानक रुख देखकर ग्रामीणों में भय व्याप्त है । लोग खून-पशीने की कमाई से बनाए गए आशियानों को बचाने के लिए आशंकित है। बाढ़ खण्ड गांव को बचाने को लेकर अपने प्रयास कर रहा है जबकि नदी रुकने का नाम नहीं ले रही है। बाढ़ खण्ड द्वारा नौ करोड़ तिरानबे लाख रुपए की परियोजना बनाकर बचाव कार्य करवाया जा रहा है। जबकि नदी है कि बाढ़ खण्ड द्वारा करवाए जा रहे कामों को अपने आगोश में ले रही है।

परियोजना पर चल रहा काम
एई बाढ़ खण्ड शारदानगर बीडी गौतम ने बताया कि घाघरा नदी में करीब 1 लाख 85 हजार क्यूसेक पानी है जिससे नदी दबाव बनाए हुए हैं और कटान भी कर रही है। बाछेपारा के पास 9 करोड़ 93 लाख की परियोजना पर काम चल रहा था जो अभी पूरा नहीं हुआ है जिसे नदी ने नुकसान पहुंचाया है। परियोजना को पानी कम होते ही ठेकेदार द्वारा पूरा करवाया जाएगा। नदी की गतिविधियों पर बराबर नजर रखी जा रही है।

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